August kranti diwas kya hai : अगस्त क्रांति दिवस जिसे भारतीय आजादी की अंतिम लड़ाई का रूप में जाना जाता हैं। देश को अंग्रेजो से आजादी दिलाने के लिए शुरुआत से ही कई छोटे – बड़े आन्दोलन होते आ रहे हैं।
देश की आजादी के लिए जब महात्मा गाँधी के नेतृत्व में अंग्रेजो को उखाड़ फैखने के लिए अंतिम आन्दोलन किय गया था जिसे अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता हैं।
12 अगस्त को मनाया जाता है International yuva divs
देश में हुई इस क्रांति के दोहरान महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा देकर देश के युवाओं में एक नई शक्ति का प्रचार किया था। इस आन्दोलन को भारत छोड़ो आन्दोलन या क्विट इंडिया मूवमेंट के नाम से भी जाना जाता हैं।
अगस्त क्रांति की शुरुआत
देश से अंग्रेजी सत्ता कू उखाड़ फेकने के लिए देश में इस आन्दोलन की शुरुआत 9 अगस्त को मुंबई के पार्क से हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दोहरान अंग्रेजो ने हम से साथ माँगा था जिसके बदले में उन्होंने हमे आजादी देने का वादा किया था।
लेकिन जब युद्ध समाप्त हो गया तो देश अंग्रेज अपनी जुबान से पलट गये तभी महात्मा गांधी ने अंग्रेजो के विरुद्ध अंतिम युद्ध की घोषणा की। इस आन्दोलन का उदेश्य यह था की भारत में से अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फेकना हैं।
9 अगस्त को आदिवासी दिवस भी मनाया जाता हैं.
अगस्त क्रांति का इतिहास
देश में इस क्रांति की शुरुआत 9 अगस्त से हुई थी। यही कारण हैं की 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस मनाया जाता है। परन्तु इस क्रांति से पहले देश की तत्कालीन कांग्रेस दल ने एक प्रस्ताव 4 जुलाई 1942 पारित किया था जिसमे यह कहा गया था की अगर अंग्रेज अब अगर देश नही छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ पुरे देश में देशव्यापी आन्दोलन चलाया जाएगा।
इस आन्दोलन के बाद राष्ट्रिय कांग्रेस दल में दो गुट बन गये थे जिसमे से एक दल तो इस प्रस्ताव के समर्थन में था और दूसरा दल प्रस्ताव के विरुद्ध था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी के सदस्यों में से एक चक्रवर्ती गोपालाचारी ने पार्टी छोड़ दी।
वही इस पार्टी के कुछ सदस्यों में से सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ। राजेंद्र प्रसाद, अशोक मेहता और जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं तक ने इस आंदोलन का खुलकर समर्थन किया। परन्तु इस आदोलन के समर्थन में अन्य दलों को जैसे मुश्लिम लीग, भारतीय कम्युनिटी पार्टी इतियादी को अपने साथ मिलाने में कांग्रेस कही न कही असमर्थ रही थी।
8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बम्बई अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन‘ यानी ‘अगस्त क्रांति‘ का प्रस्ताव पारित किया गया।
अगस्त क्रांति का नारा
अगस्त क्रांति का प्रमुख नारों के बारे में देखे तो इस क्रांति के यह कुछ प्रमुख नारे थे.
- करो या मरो
यह इस क्रांति का प्रमुख नारा था जिसे लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था.
अगस्त क्रांति सप्ताह
9 अगस्त से 15 अगस्त के मध्य हर साल अगस्त क्रांति सप्ताह के रूप में मनाया जाता हैं. इस सप्ताह के दोहरान 7 दिनों तक खंड और जिले स्तर के साथ देश में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
निष्कर्ष
इस लेख में आपको August kranti diwas kya hai के बारे में बताया गया हैं. उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा. इस लेख में बताई गई जानकारी इन्टरनेट से ली गई हैं.