हिन्दू माह में मनाई जाती है चार नवरात्रि : जाने क्या है रहस्य

Navratri kitni baar aati hai

नवरात्रि कितनी बार आती है ( Navratri kitni baar aati hai ) जैसा की हम जानते है की हिन्दू कैलंडर के अनुसार एक साल में चार बाद नवरात्रि आती है। नवरात्रि भी दो तरह की आती है जिसके से एक गुप्त नवरात्रि भी होती है। 

कई लोगो को आज भी इसकी कम जानकारी है की साल में चार बार नवरात्रि आती है। हर साल 4 बार नवरात्रि आती है जिस सब के बारे में कुछ न कुछ विशेष धार्मिक आस्था होती है। आईये जानते है इसके बारे में विस्तार से और समझते है की साल में चार नवरात्रि का रहस्य क्या है। 

नवरात्रि कितनी बार आती है?

काफी लोगो के मन में यह सवाल आता है की साल में कितनी बार नवरात्रि आती है। हिन्दू कैलंडर के अनुसार हर साल में चार बार नवरात्रि आती है जिसमें से 2 नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होती है। 

नवरात्रि आस्था और साधना का त्यौहार है। नवरात्रि के दिन माँ के नव स्वरूपों की पूजा होती है। माँ दूसरा को समर्पित यह त्यौहार है और इस दिन माँ के नो रूपों की पूजा हर नवरात्रि के नो दिन होती है। 

साल में चार नवरात्रि आती है – 

हर साल चार बार नवरात्रि आती है। यह चार नवरात्रि हर साल क्रमश पौष, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह में आती है। हर साल इन माह में प्रतिपदा यानी एकम से इसकी शुरुआत होती है और यह नवमी तक चलती है। इन दिनों बड़ी धूमधाम से माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। 

चैत्र माह की नवरात्रि को बड़ी नवरात्रि और आश्विन माह की नवरात्रि को छोटी नवरात्रि कहा जाता है। इसके एक और नाम यानी बड़ी नवरात्रि को बसंत नवरात्रि और छोटी नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। बसंत नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बीच में 6 माह का अंतर रहता है। 

गुप्त नवरात्रि

हिन्दू कैलंडर में हर साल चैत्र माह और आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि के रूप में मानते है। यह इन महीने की शुक्ल पक्ष की एकम से शुरू होती है जो शुक्ल पक्ष की नवमीं तक चलती है। इन दोनों माह में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते है। 

सामान्य तौर पर देखा जाए तो एक हिन्दू कैलंडर में हर 3 माह के अंतरतल में एक नवरात्रि आती है और हर 6 माह के अन्तराल एक एक गुप्त नवरात्रि आती है। 

गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियाँ जिनकी पूजा होती है : गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

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