मारवाड़ जंक्शन : एक संकलन

Marwar junction : भारत के पच्छिम भाग में बसा क्षेत्रफल की दृष्टी से सबसे बड़ा राज्य राजस्थान के पाली जिले में स्थित मारवाड़ जंक्शन पाली जिले का एक जाना माना क़स्बा हैं. मारवाड़ जंक्शन को पाली जिले की सबसे बड़ी विधानसभा के रूप में भी जाना जाता हैं. 

राजस्थान में वीरो की धरती कहा जाने वाला मारवाड़ राजस्थान में एक समय में बड़ा राज्य था जहा राव जोधा जैसे राजाओं ने राज किया हैं. वर्तमान में हम मारवाड़ जंक्शन की बात करेंगे जो राजस्थान के पाली जिले का एक क़स्बा हैं.

मारवाड़ जंक्शन एक ऐसा क़स्बा हैं जहा के लोग पुरे भारत में मारवाड़ी के रूप में जाने जाते हैं. हमे इस बात की ख़ुशी हैं की इसी मारवाड़ के और इस कस्बे के आसपास के लोग भारत में ही नही बल्कि देश विदेश में भी अपना लोहा मनवा रहे हैं. मारवाड़ उन जगहों में शामिल हैं जो पाली में बेहतरीन घूमने के स्थानों की सूची में शामिल हैं.

मारवाड़ जंक्शन | Marwar junction

मारवाड़ जंक्शन राजस्थान के पाली में स्तिथ एक कस्बा हैं. मारवाड़ जंक्शन की कुल जनसँख्या 2011 की जनगणना के अनुसार तक़रीबन 12000 के आसपास हैं. मारवाड़ जंक्शन पुरे देश में मुख्य रूप से अपने रेलवे स्टेशन की वजह हैं प्रशिद्ध है. 

मारवाड़ का रेलवे जंक्शन ऐसा हैं जहा से रेल चारो दिशाओ में जाती हैं. मारवाड़ जंक्शन से चारो दिशाओ में चलने वाली ट्रेन और यह आगे किस बड़े स्टेशन से मिलती हैं इसकी जानकारी होना भी बेहद जरुरी हैं, चलिए देखते हैं मारवाड़ जंक्शन के उन चारो दिशाओ के स्टेशन के बारे में. 

दिशास्टेशनमुख्य स्टेशन / शहर / नगर
उत्तरसोजत, ब्यावर, अजमेर, किशनगढ़,जयपुर
दक्षिणरानी, फालना, सिरोही, आबू रोडअहमदाबाद
पूर्वफुलाद, गोरम घाट, कामली घाटमावली जंक्शन
पच्छिमपाली, लूनी, भगत की कोठीजोधपुर

मारवाड़ जंक्शन राजस्थान में ही नही पुरे देश में भी काफी प्रशिद्ध हैं. मारवाड़ का नाम आज भी इतिहास में बड़ी शान से लिया जाता हैं. मारवाड़ जंक्शन का इतिहास से काफी पुराना रिश्ता हैं. मारवाड़ का इतिहास ही नही बल्कि इस कस्बे के पास के कुछ स्थान भी अपने आप में काफी प्रशिद्ध हैं जैसे आउवा, बिठोडा, चेलावास, कंटालिया इतियादी, चलिए जानते हैं मारवाड़ के पास के कुछ स्थानों के बारे में. 

मारवाड़ जंक्शन के पास प्रशिद्ध स्थान | Famous places near marwar junction

इतिहास की दृष्टी से मारवाड़ जंक्शन के पास स्तिथ कुछ स्थानों के बारे में आपको बताया जा रहा हैं. इस पोस्ट में आगे कुछ चुनिन्दा जगहों को बारे में बताया जा रहा हैं. अन्य स्थानों के बारे में भविष्य में जानकारी जुटा कर अपडेट कर दी जायेगी. 

आउवा 

आउवा का नाम लेते ही हमारे मन में देश भक्ति का ख्याल पहले आता हैं. आउवा राजस्थान में 1857 की क्रांति का प्रमुख केंद्र माना जाता हैं. इस स्थान का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाता हैं. आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह जी ने क्रांतिकारियों के साथ मिल कर मारवाड़ के राजा के खिलाफ और अंग्रेजो के खिलाफ लोहा लिया था. 

आउवा की सुगाली माता को 1857 की क्रांति की देवी कहा जाता हैं. सेना और क्रांतिकारी अंग्रेजो से लड़ने से पहले सुगाली माता का आशीर्वाद लेते थे, इस क्रांति के इतिहास को संजोये हुए आज भी आउवा में पेनोरमा बना हुआ हैं जिसमे हमे क्रांति और आउवा के इतिहास की झलक देखने को मिलती हैं.

आउवा में एक किला भी बना हुआ हैं. यह किला भी अपने इतिहास के लिए प्रशिद्ध हैं. आउवा के किले के अलावा यहा का रावला ही अपने इतिहास के लिए जाना जाता हैं. 

बिठोडा

आउवा के साथ बिठोडा का इतिहास भी राजस्थान में हुए इस पहले स्वंत्रता संग्राम के साथ जुड़ा हुआ हैं. ऐसा कहा जाता हैं की जब जोधपुर से सेना और अंग्रेजो की टोली आई थी तो बिठोडा में आराम करने रुकी थी. इसी बिठोडा में अंग्रेजो और क्रांतिकारियों के बीच में युद्ध भी हुआ था और अंग्रेजो को पीछे हटने पर मजबूर किया था. इतना ही नही बिठोडा अपनी ख़ूबसूरती के लिए भी जाना जाता हैं. 

चेलावास

आउवा और बिठोडा की भांति चेलावास में भी 1857 की क्रांति के दोहरान युद्ध हुआ था. चेलावास भी अपने बलिदान के लिए जाना जाता हैं. चेलावास मारवाड़ से लगभग 20 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा की और स्तिथ हैं. 

सिरियारी

सिरियारी पहाड़ी क्षेत्र में बसा एक छोटा सा गाँव हैं. यह सिरियारी गाँव भी अपनी ख़ूबसूरती के लिए जाना जाता हैं. इसके अलावा सिरियारी गाँव मुख्य रूप से आचार्य भिक्षु समाधी स्थल के लिए भी प्रशिद्ध हैं. सिरियारी में आचार्य भिक्षु की समाधी स्थल और आचार्य भिक्षु के नाम से एक यहा एक लैंडमार्क भी बना हुआ हैं. 

अगर आप मारवाड़ आते हैं तो एक बार सिरियारी जरुर जाए. जब मैं अपने स्कूल के समय में यहा गया था तो मुझे यह स्थान काफी खूबसूरत लगा था, हालाँकि आज यहा पर काफी कुछ बदल गया हैं अब यह स्थान और भी खूबसूरत लगता हैं.

जाडन का ॐ आश्रम

जाडन पाली विधानसभा का एक महत्वपूर्ण स्थान हैं. जाडन को हम इसलिए भी जानते हैं क्योंकि यहा एक ॐ की आकर में आश्रम बना हुआ हैं. यह स्थान अपने आप में काफी खूबसूरत हैं. इस आश्रम के आसपास कॉलेज और स्कूल भी हैं. 

Photo Source : OneIndia

इन सब स्थानों के अलावा और स्थानों की सूची और उनकी जानकारी आगामी कुछ दीनो में उपलोड कर दी जायेगी.

मारवाड़ जंक्शन कैसे पहुचे | How to reach marwar junction

मारवाड़ जंक्शन आने के लिए ज्यादा कुछ संघर्ष करने जू आवश्यकता नही होती हैं. मारवाड़ जंक्शन का रेलवे स्टेशन काफी पोपुलर हैं, पुरे राज्य में ही नही बल्कि पुरे भारत में. मारवाड़ जंक्शन आने के लिए आप जोधपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, जयपुर इतियादी किसी भी जगहों से आ सकते हैं. मारवाड़ जंक्शन आने के लिए आपको ट्रेन और बस की सुविधा भी मिलती हैं. 

क्र.सं.कहा से आयेवायासुविधा दूरी ( KMs)
1जोधपुरसाजरा, भागेसर, जाडनबस, स्वयं का वाहन90~
2जोधपुरपालीट्रेन95~
3अजमेरब्यावर, सोजतबस, स्वयं का वाहन160~
4अजमेरब्यावर, सोजतट्रेन171~
5उदयपुरदेवगढबस, स्वयं का वाहन180~
6उदयपुरअजमेर, सोजतट्रेन450~
7अहमदाबादपालनपुर, सिरोहीबस, स्वयं का वाहन430~
8अहमदाबादपालनपुर, सिरोहीट्रेन400~
Value of distance is estimated and calculated manully.

मारवाड़ जंक्शन आने के लिए या तो खुद का वाहन ले सकते हैं या ट्रेन और बस की सहायता से आ सकते हैं. 

इतना क्यों जाना जाता हैं मारवाड़ जंक्शन | Why is marwar junction so known ? 

  • आपने गोरम घाट का नाम तो सुना ही होगा. कोई भी टूरिस्ट अगर जोधपुर, अजमेर, सिरोही इतियादी जगह से यहा घूमने आता है तो उसे मारवाड़ जंक्शन से ही गोरम घाट के लिए ट्रेन लेनी होती हैं.
  • मारवाड़ जंक्शन को वैसे तो काफी लोग जानते हैं परन्तु मारवाड़ जंक्शन और इस कस्बे के आसपास के क्षेत्र के लोग मारवाड़ से बाहर रहते हैं और मारवाड़ का नाम रोशन कर रहे हैं, यही भी एक वजह हैं की मारवाड़ जंक्शन इतना पोपुलर हैं.
  • मारवाड़ के पास एक और खूबसूरत स्थान आया हुआ हैं. इस स्थान को हम भील बेरी के नाम से जानते हैं. वहा जाने के लिए भी पर्यटकों को मारवाड़ जंक्शन से होकर ही गुजरना होता हैं.

निष्कर्ष

इस लेख में आपको Marwar junction के बारे में बताया गया हैं. मेरे पास इस सम्बन्ध में जो भी जानकारी थी वो इस लेख में बताई गई हैं. भविष्य में कोई और सुचना होगी तो इस लेख में अपलोड कर दी जायेगी.

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