विटामिन डी की कमी से कौनसा रोग होता है ?

Vitamin D ki kami se kaun sa rog hota hai ( विटामिन डी की कमी से कौनसा रोग होता है ) रक्त, मांस और हड्डियों से बना यह मानव शारीर को निरंतर बृद्धि तथा चलाये रखने के लिए हमे रोजमर्रा के जिंदेगी में कई सारे पोशोक तत्वों, खनिज और ऊर्जा की जरुरत होती है। 

जैसे बिना पेट्रोल की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पाती ही वेसे ही बिना ऊर्जे के शारीर निस्तेज होने लगती है। रोज की काम काज के लिए हमे अच्छे खाने की जरुरत होती है, जिससे के हमे आवश्यक परिमाण में ऊर्जा, पोषण और खनिज मिल सके।

विटामिन के जरुरत शारीर को सबसे ज्यादा होती है, भले ही इसकी मात्रा शारीर में कम आवश्यक होता है। इनके कमी से शारीर में कई तरह के बीमारी के लक्षण नजर आते है। जैसे की शर्दी, खांसी, जुखाम आदि। इसीलिये हमे रोजाना दाल,चावल के साथ साथ हरी सब्जी और फलों का भी सेवन करना चाहिए। इसके अलावा हमे अपने शारीर को हमेशा साफ भी रखने की जरुरत है।

विटामिन डी क्या होता है?

विटामिन डी को हम सनशाइन विटामिन के नाम से भी जानते है, क्यों के सूर्य किरणों में मिलने के कारण इसका ऐसा नाम पड़ा है। यह प्रो हार्मोन का एक समूह होता है। वेसे तोह विटामिन डी निष्क्रिय रूप में ही होता है, मगर शारीर में कॉसिट्रीओल विटामिन डी का सक्रीय रूप है। जब हमारी त्वचा धुप के संपर्क में आता है तो शारीर में विटामिन डी की निर्माण प्रक्रिया सुरु होता है। 

विटामिन डी कितने प्रकार के होते है?

वेसे तो विटामिन डी के 5 प्रकार होते है, पर सबसे जरुरी डी2 और डी3 होता है। एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना 10से20 माइक्रोग्राम के विटामिन डी आवस्यकता है। जिन्हें वो मछली, मांस, फल तथा सूर्य किरण से प्राप्त कर सकता है।

विटामिन डी से हमारे शारीर को क्या मदद मिलती है

विटामिन डी, कैल्शियम और फॉस्फोरस के सही परिमाण से शारीर में होने से हड्डियों का गठन तथा बृद्धि हो पाती है। विटामिन डी मूलरूप से कैल्शियम और फॉस्फोरस को शारीर में सोखती है, जिससे की शारीर को कैल्शियम और फॉस्फोरस मिलपाता है।

इसके अलावा मांसपेशियों को मजबूत बनाना, स्नायुतंत्र के परिचालन और इम्युनिटी बनाना भी विटामिन डी का काम है। विटामिन डी के दो मुख्यरूप में से डी2 हमे सब्जी और फल से मिलजाते है और डी3 हमे मछली तथा मांस से मिलते है।

विटामिन डी की कमी से कौनसा रोग होता है

विटामिन डी के कमी से जोड़ो में दर्द , हड्डियों के टूटने से जल्द न जुड़ना, हड्डियों में दर्द तथा कमजोर हड्डिया जैसी लक्षण दिखाई देते है। सुनने में यह मामूली लगे पर यह काफी गंभीर बीमारी में से एक है, सालों तक इलाज से भी ज्यादा सुफल देखने को नहीं मिलते। इसके कमी से 2 गंभीर बीमारी होती है, रॉकेट्स (सूखा रोग) और ऑस्टेओमलासिया (अस्थिमुदृता) । 

रिकेट्स

यह रोग ज्यादातर बचो में पाई जाती है, इसके बजह से बचो हडियॉ मुलायम हो जाते है। इसके साथ साथ कई सारे बचो में हडियॉ का टेढ़ा होना भी पाया जाता है। चलते समय बचों के घुटने एक दूसरे से टकराना रिकेट्स का कारन भी हो सकता है।

ज्यादा समय घर पर बचो को रखने से शारीर में वितामिन डी की कमी होने लगती है, जिससे के ऐसी बीमारियां देखे जा सकते है। बीमारी के लक्षण नजर आते ही तुरंत डॉक्टर के सलाह ले।

ऑस्टेओमलासिया

वयस्को में यह हड्डियों का बीमारी विटामिन डी की कमी से होती है। हड्डियों के पोषण जथा कैल्शियम और फॉस्फोरस का शोषित न होने के वजह से हड्डिया कमजोर होने लगती है। लक्षण के तौर पर काम चलने पर थकान, हड्डियों का टेढ़ा मेढा ढांचा, हडियॉ टूटने पर जल्द से न जुड़ पाना आदि है।

उपचार

ऐसे रोग के लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे। रोग से पहले हम कुछ सावधानियां भी बरत सकते है, जैसे की हर दिन काम से कम 15 मं धुप में खड़ा होना, विटामिन डी युक्त खाद्य खाना आदि। 

मगर ध्यान में रहे सुबह के 10 से दोपहर के 3 के बीच धुप खड़े म रहे, यह धुप आपके शारीर को हानि पहंचा सकता है। विटामिन डी युक्त खाद्य जैसे की मिर्ची, निम्बू, कुकुरमुत्ता, अंडा, मांस, मछली आदि के उपयुक्त परिमाण में सेवन करे।

आपने क्या सीखा ?

हमे आशा है की आपको Vitamin d ki kami se kaun sa rog hota hai ( विटामिन डी की कमी से कौनसा रोग होता है ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।

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