Rashtriya balika diwas नमस्कार दोस्तों, आज राष्ट्रीय बालिका दिवस और आज के दिन पूरे देश में बालिकाओं को खूब याद और उन्हें बढ़ावा दिया जाता है। आज के दिन मनाने मुख्य उद्देश्य लड़कियों से जुड़ी भ्रांतियां कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को रोकना और बेटियों को लेकर देश के नागरिकों में जागरूकता लाना आदि है।
हमें इस बात को समझना होगा कि लड़कियां ना केवल हमारा शानदार आज है ,बल्कि हमारा सुनहरा भविष्य भी उन्हीं से रोशन है।
राष्ट्रिय बालिका दिवस कब मनाया जाता हैं ?
राष्ट्रिय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता हैं. एक नजर से देखे तो बच्चों की परवरिश शिक्षा खान-पान से लेकर सम्मान अधिकार और सुरक्षा आदि में आमतौर पर समाज उन्हें बालिका शिशु के साथ पर्याप्त रूप से भेदभाव किया जाता है। यहां तक की बीमार हो जाने पर उनके इलाज में भी आसमानताएं बरती जाती है।
राष्ट्रिय बालिका दिवस | Rashtriya Balika Diwas
इन सभी गलत धारणाओं को समाज से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए और लड़का लड़की में भेदभाव ना करने के लिए यह विशेष दिन रखा गया है ।इस दिन लोगों के अंदर जागरूकता फैलाई जाती है। लिंग अनुपात की असमानता को समांतर करने के लिए संकल्प लिया जाता है क्योंकि वर्तमान के लिंगानुपात का जिक्र करें तो 933:1000 है।
वर्तमान समय की बालिका जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जहां आगे बढ़ती ही जा रही है। चाहे वह खेल का क्षेत्र हो या राजनीति घर संभालना हो अथवा उद्योग सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपना परचम लहराया है।
Also read : सामाजिक न्याय दिवस
एशियन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने से लेकर राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री के पद पर बैठकर , देश की सेवा का ही काम क्यों ना हो ,हर जगह महिलाओं ने अपनी एक विशेष जगह बनाइए।
लेकिन इन सब सबके बावजूद आज भी कहीं ना कहीं देश में बालिकाओं के लिए अनेक कुरीतिया में मौजूद है इन्हीं की कुरीतियों के चलते, वह जीवन में आगे बढ़ पा रही। पढ़े-लिखे लोग और जागरूक समाज होने के बावजूद लोग इस मानसिकता से ग्रस्त हैं।
वर्तमान समय में भी हजारों लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही उन्हें कोख में मार दिया जाता है। यदि वह कोख से बाहर आ गई, तो उन्हें लावारिस छोड़ दिया जाता है। आज भी समाज में ऐसे कई लोग हैं ,जहां बेटियों को बेटों की तरह अच्छा ,खानपान और शिक्षा में भी भेदभाव बरता जाता है।
हर साल 24 जनवरी को देश में राष्ट्रीय बालिका दिवस बनाया जाता है इसकी शुरुआत साल 2009 में की गई थी।
बालिका दिवस मनाने का मूल उद्देश्य
- लोगों में बालिका शिशु की भूमिका और महत्व के प्रति जागरूकता लाना।
- देश में व्याप्त बाल लिंगानुपात को दूर करने के लिए काम करना।
- हमारी है कोशिश रहनी चाहिए कि हर बेटी को समाज में उचित मान-सम्मान और दर्जा मिले।
- बालिकाओं को उनका अधिकार प्राप्त हो।
- बालिका के परवरिश, सेहत, पढ़ाई ,अधिकार पर विचार विचार- विमर्श करना और जरूरत पड़ने पर उनके प्रति उल्लेखनीय कदम उठाना।
- इस दिन देश में बालिकाओं को लेकर बने कानून के विषय में सबको जानकारी दी जाती है
- बाल विवाह घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा आदि कुरीतियों को खत्म करने के लिए विचार किया जाता है , और इसके लिए सार्थक रूप से पहल करने का निर्णय लिया जाता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस आखिर क्यों मनाया जाता है ?
राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को बेहद ही उत्सुकता के साथ लोग बनाते हैं। 24 जनवरी के दिन ही इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में भी याद किया जाता है। इस दिन इंदिरा गांधी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी और देश की बागडोर अपने हाथों में ली थी.
तभी से इस दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया यह कोई आम निर्णय नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर से लिया गया निर्णय है।
लोगों को दुष्परिणामों के प्रति आगाह करना और लड़कियों ऊपर हो रहे तरह -तरह के अपराध को कम करने के लिए 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के दिन की गतिविधि
यह दिन हर साल 24 जनवरी को आता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें एक बालिका के स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए जागरूकता अभियान को भी शामिल किया गया है।
इसी दिन देशभर में बालिका बचाओ अभियान भी संचालित किया जाता है। इसके अलावा लड़कियों उनके अधिकार दिलाने के लिए भी अभियान चलाए जाते हैं।
आज बालिका शिशु बचाओ के संदेश को जन- जन तक पहुंचाने के लिए अखबार, रेडियो, टीवी आदि जगहों पर सरकार, एनजीओ ,गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रचार-प्रसार भी किया जाता है।
इस दिन देशभर में बालिका बचाओं अभियान चलाया जाता है। इसके अलावा लड़कियों को उनके अधिकार दिलवाने के लिए भी अभियान चलाये जाते हैं।
इस लेख में आपको Rashtriya balika diwas के बारे में बताया गया हैं.