Madhya pradesh ka sabse bada jila नमस्कार दोस्तों, हम जानते हैं की मध्य प्रदेश मध्य उत्तर प्रदेश में आया हुआ हैं। मध्य प्रदेश राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। क्या आप जानते हैं की इस मध्य प्रदेश राज्य के सबसे बड़ा राज्य कौनसा हैं ?
छिंदवाड़ा जिला मध्य प्रदेश राज्य मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है और छिंदवाड़ा टाउन इस जिला का मुख्यालय है। छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है जिसका क्षेत्रफल 11,815 वर्ग किमी है। यह जिला जबलपुर संभाग(Jabalpur Division) का हिस्सा है।
दोस्तो अब हम आपको छिंदवाड़ा जिले की थोड़ी गहराइयों में ले चलते है। छिंदवाड़ा नाम छिंद शब्द से लिया गया है, जो जिले में आमतौर पर पाए जाने वाले पेड़ का स्थानीय नाम है। 1 नवंबर सन् 1956 को छिंदवाड़ा जिले का गठन किया गया था।
यह सतपुड़ा रेंज के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में है। यह जिला दक्षिण में नागपुर जिले (महाराष्ट्र राज्य में) के मैदानी इलाकों, उत्तर में होशंगाबाद और नरसिंहपुर जिले, पश्चिम में बैतूल जिले और पूर्व की ओर सिवनी(Shivni) जिले से घिरा है।
Madhya pradesh ka sabse bada jila
छिंदवाडा मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला हैं.
छिंदवाड़ा का नामकरण और इतिहास
अब बारी आती है छिंदवाड़ा का नामकरण और उसके इतिहास की। देखा जाए तो छिंदवाड़ा का इतिहास बहुत बड़ा है लेकिन इस आर्टिकल में आपको थोड़ा इतिहास की झलक अवश्य दिखेगी। इस जगह का नाम छिंदवाड़ा रखने का श्रेय लेने के लिए यहां कई सिद्धांत प्रचलित हैं। सिद्धांतों के लिए कोई सटीक ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिला है और उनमें बहुत विरोधाभास है।
सबसे आम सिद्धांत निम्नलिखित हैं
छिंदवाड़ा कभी अपनी उपजाऊ भूमि पर छिंद (एक प्रकार का खजूर-पाम) के पेड़ों के चारों ओर फैला हुआ था।
कुछ इतिहासकारों मानना है की,मराठा सरदार रानोजी और दौलतराव शिंदिया उस समय छिंदवाड़ा शहर के मध्य में रहते थे, बरारीपुरा जिसे उस समय शिंदेवाड़ा के नाम से जाना जाता था और काफी हेरफेर के बाद यह नाम छिंदवाड़ा निकला।
कुछ इतिहासकारों के द्वारा यह भी कहा जाता है कि एक बार इस जगह और उसके आसपास शेरों की एक बड़ी आबादी थी और इसलिए लोग इसे सिंह द्वार (The Gateway Of Lions) के रूप में संदर्भित करते थे, जो बाद में छिंदवाड़ा में बदल गया।
ऐसे तमाम इतिहास है छिंदवाड़ा जिला के बारे में लेकिन उसमे से कुछ ही के तथ्य मिलते है।
छिंदवाडा के तीन बसे क्षेत्र
- पश्चिमी क्षेत्र में दो प्रमुख शहर हैं जुन्नारदेव(Junardev) और परसिया(Parashia)
- मध्य क्षेत्र में छिंदवाड़ा अमरवाड़ा क्षेत्र का दक्षिणी भाग और सौसर क्षेत्र का उत्तरी भाग से घिरा हुआ है। यह एक पठारी क्षेत्र है।
- छिंदवाड़ा जिला उत्तरी क्षेत्र सतपुड़ा रेंज(satpura range) के सबसे ऊंचे हिस्से में है और नर्मदा घाटी के मैदानी इलाकों के एक छोटे से हिस्से को कवर करता है।
- इस जिले से होकर बहने वाली पाँच प्रमुख नदियाँ हैं जिनके नाम इसप्राकार है कन्हान, पेंच, जाम, कुलबेहरा, शकर और दूध।
- इस जिले के एक तिहाई से अधिक हिस्से मतलब जिले का लगभग 4212।556 किमी स्क्वायर जंगल के अंतर्गत आता है। बांस, सागौन, हर्रा, सालबीज इत्यादि व्यावसायिक रूप से काटे जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद हैं।
- छिंदवाड़ा में एक sub-tropical climate है। उत्तर भारत की तरह इसमें गर्म, शुष्क गर्मी (अप्रैल-जून) में होती है, इसके बाद मानसूनी बारिश (जुलाई-सितंबर) और ठंडी और अपेक्षाकृत शुष्क सर्दी होती है। औसत वार्षिक वर्षा 1,183 मिमी है।
- सर्दियों के दौरान न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस जबकि गर्मियों के दौरान अधिकतम तापमान 38 से 42 डिग्री सेल्सियस होता है।
- छिंदवाड़ा एक निर्माणाधीन, स्वच्छ और हरा-भरा जिला है।
छिंदवाड़ा के प्रशासनिक भाग
इस जिले को 13 तहसील में विभाजित किया गया है। इस ( Madhya pradesh ka sabse bada jila ) जिले के अंतर्गत 11 विकास खंड,1 नगर निगम, 8 नगर पालिका, 9 नगर पंचायत और 11 छोटे कस्बे है भी शामिल है।
छिंदवाड़ा जिले की जनसंख्या कितनी है
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार छिंदवाड़ा जिले की जनसंख्या लगभग 2,090,922 है और इस मामले में इस जिले को भारत में 218वें स्थान पर रखा गया है।
छिंदवाड़ा जिले की भाषा,संस्कृति और टूरिज्म प्लेस
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार देखा जाए तो इस जिले की 79।97% आबादी हिंदी (Hindi), 10।32% मराठी (Marathi), 5।52% गोंडी (Gondi), 1।75% कोरकू (Korku) और 1।44% पोवारी(Powari) आदि भाषाएं बोलती है।
इस जिले में निम्नलिखित प्रमुख पर्यटन स्थल है पांडुरना का पत्थर का अनोखा गोतमार मेला भी दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षक है।
पातालेश्वर छिंदवाड़ा में एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह एक भगवान शिव मंदिर है जहां शिवरात्रि मेला आयोजित किया जाता है।
- पातालकोट (घाटी)(Patalkot Valley)
- तामिया हिल्स(Tamia Hills)
- जुन्नारदेव हिल्स(Junnardeo Hills)
- जुन्नारदेव पहाड़ी पयारी (सिद्ध पीठ)(Junnardeo Pahili Payari Siddh Peeth)
- हिंगलाज माता मंदिर, अंबाडा (शक्ति पीठ)(Hinglaj Mata Mandir, Ambada Shakti Peeth)
- छोटा महादेव गुफाएं(Chhota Mahadev Caves)
- देवगढ़ किला(Deogarh Fort)
- जाम सांवली हनुमान मंदिर(Jamsavli Hanuman Mandir)
- अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग, मोहगाँव हवेली(Ardhnarishwar Jyotirlinga, Mohgaon Haveli)
- षष्ठी माता मंदिर, कपूरदा(Shashti Mata Mandir, Kapurda)
- बंजारी माता मंदिर(Banjari Mata Mandir)
नीचे दिए गए कुछ जाने माने योग्य उद्योग हैं जिन्होंने छिंदवाड़ा के औद्योगिक विकास में काफी योगदान दिया है।
- हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever)
- भारत का पहला मसाला पार्क 25 फरवरी 2009 को छिंदवाड़ा में खोला गया था। स्पाइसेस बोर्ड द्वारा नियोजित सात पार्कों की श्रृंखला में पहला 20 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्थापित किया जा रहा है।
- नकोदा समूह (Nakoda Group) छिंदवाड़ा का मध्यम और तेजी से बढ़ता औद्योगिक समूह है।
- जुनार्डियो(Junnardeo) छिंदवाड़ा से लगभग 50 किमी की दूरी पर है जो की WCL के कन्हान क्षेत्र (Kanhan Area) का मुख्य कार्यालय है। इसमें एशिया का सबसे बड़ा कोल वॉश (Coal Wash) प्लांट है। कन्हान क्षेत्र में इसकी लगभग 15 कोयला खदानें हैं।