शिक्षा के चार स्तम्भ ( Shiksha ke char stambh ) आज के समय में लगभग हर क्षेत्र में वैश्वीकरण की प्रक्रिया जारी है। वैश्वीकरण काफी हर हद तक शिक्षा के क्षेत्र में अपना एक प्रभाव छोड़ रहा है, यही कारण है की पूरा विश्व एक गाँव की भांति सम्मिलित होता जा रहा है।
शिक्षा के वर्तमान में कुल चार स्तम्भ माने जाते है जिनके बारे में हम इस लेख में आगे पढ़ रहे है। शिक्षा के यह चार स्तम्भ अवस्था में वर्तमान परिवेश के सन्दर्भ में पूरी तरह से प्रासंगिक है। आईये जानते है शिक्षा के चार स्तम्भ के बारे में विस्तार से –
शिक्षा के चार स्तम्भ
शिक्षा के यह चार स्तम्भ काफी महत्पूर्ण है। इन चार स्तंभों को शिक्षा के रूप में जानना जरुरी है। शिक्षा के यह चार स्तम्भ निम्न है –
जानने के लिए सीखना
शिक्षा का यह पहला स्तम्भ है। हम जिस परिवेश में रहे है उसमे चारों और बहुत सी ऐसी वस्तुएं है जिनके बारे में जानना और सीखना जरुरी होता है। हमे जितना भी ज्ञान मिलता है वो सामान्य तौर पर हमारे आंतरिक आनंद को जन्म देती है। यही ही नही, ज्ञान मानव सभ्यता का विकास भी माना जाता है।
अब सवाल यह आता है की जानने के सीखना, यह हमारी शिक्षा को किस तरह से प्रभावित करता है –
- इससे व्यक्ति के निरिक्षण शक्ति का विकास होता है।
- व्यक्ति में एकाग्रता का विकास किया जाना होता है।
- याद रखने की शक्ति का विकास होता है।
- चिंतन और तर्कशक्ति का विकास।
इसके लिए यह शिक्षा का पहला स्तम्भ काफी महत्वपूर्ण होता जाता है।
करने के लिए सीखना
शिक्षा का एक और दूसरा स्तभ यह भी है की शिक्षा को करनी के लिए भी सीखना चाहिए। शिक्षा का यह स्तम्भ कई तरह के कौशल विकास से जुड़ा हुआ है। करने के लिए सीखने हेतु यह कुछ तार्किक बिंदु है जिनके बारे में जानना चाहिए –
- शिक्षा के तौर से व्यक्ति के उन कौशलों का विकास किया जाए जिनसे वो भविष्य के लिए विकास तैयार किया जाए।
- शिक्षा से ऐसी योग्यता का विकास करना है जिससे उसके सैद्धांतिक और व्यवहारिक ज्ञान का विकास हो सके।
- शिक्षा के नवीन समूहों का विकास किया जा सकता है।
- शिक्षा द्वारा सामजिक कौशलों का भी विकास किया जा सकता है।
यह शिक्षा का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ है।
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साथ रहने के लिए सीखना
शिक्षा के सभी स्तंभों में से यह एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है। शिक्षा को हमेशा साथ रखने और उसकी बदौलत साथ रहने के लिए सीखना जरुरी है।शिक्षा को साथ रहने के लिए भी सीखना जरुरी है।
- शिक्षा आपस के झगड़ों को रोकने के लिए लोगो को आपस में एक साथ रखने हेतु उपयोग होती है। पढ़े-लिखे लोग कम झगड़े है।
- शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थिओं को विज्ञान, भूगोल इत्यादि विषयों के बारे में ज्ञान भी दिया जा सके।
- शिक्षा संस्थान में अध्यापक विद्यार्थीं सभी साथ मिलकर काम करते है।
यह शिक्षा का तीसरा स्तम्भ है।
अस्तित्व के लिए सीखना
शिक्षा का यह चौथा और अंतिम स्तम्भ है। शिक्षा को हमारे अस्तित्व के लिए भी सीखना जरुरी है।
- शिक्षा से एक व्यक्ति का पूर्ण विकास होना संभव होता है।
- शिक्षा से एक व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वयं के निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है।
- शिक्षा के वो खुद समाज और खुद की समस्यों का हाल खोज सकता है।
यह शिक्षा का चौथा स्तम्भ है।
Final Words
इस आर्टिकल में आपको हमने शिक्षा के चार स्तम्भ ( Shiksha ke char stambh ) के बारे में समझाने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आएगा। अच्छा लगे तो इस आर्टिकल को शेयर जरुर करे। Four pillars of education के बारे में विस्तृत रूप से जान सकते है।
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