Voltage in hindi ( हिंदी में वाल्टेज ) ऊर्जा धरती की कण कण में समाई हुई है। भले ही ऊर्जा की रूप में हमारे सामने तथा इस्तेमाल किया जाट हो, परंतु विधुत ऊर्जा की खोज को मानव इतिहास का सबसे बड़ा खोज कह सकते है। आज मनुष्य जो कुछ भी हासिल किया हो चाहे वो बहतर जीवन शैली, उद्योगिक कामयाबी, पढाई लिखाई तथा एक दूसरे के साथ संपर्क स्थापना हो विधुत के बगैर ऐसा हो पाना नामुमकिन था।
आप को तो पता ही होगा विधुत ऊर्जा के उत्पन के कई सारे स्रोत है जैसे की पवन चक्की, जलविद्युत प्रकल्प, जीवाश्म ईंधन आदि। आज हम विधुत के बारे में नहीं बल्कि चर्चा करने वाले है वोल्टेज के बारे, आप में से सायद सभी इस शब्द का इस्तेमाल कभी न कभी या फिर हर रोज करते होंगे। पर क्या यह क्या है यह आपको मालूम है? अगर नहीं तो आज हम आपको बताने जा रहे Voltage in hindi की इस आर्टिकल में वोल्टेज तथा इसके इस्तेमाल के बारे में।
घर या ऑफिस में अपने कभी न कभी तो वोल्टेज शब्द का इस्तेमाल किया ही हॉग, वोल्टेज कम है tv मत चलाओ, वोल्टेज ज्यादा है पंखा बंद करदो आदि। आखिर यह वोल्टेज क्या है? वोल्टेज से क्या होता है तथा इसकी हमे जरुरत क्या है?
Voltage क्या है?
Voltage एक वैद्युतिक वल है जिसके कारन किसी दो स्थान या विंदू के बीच(जैसे की तार के दो छोर) विधुत प्रवाहित होने लगता है। दो बिंदुओं के विच प्रबहित संभावित ऊर्जा को ही वोल्टेज कहा जाता है।
वोल्टेज वो वल होता है जो के करंट या विधुत को एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट तक ले जाने में मदद करती है। जब भी आप फैन या टीवी की स्विच ऑन करते है तो करंट तार के माध्यम से वोल्टेज के मदद से ही टीवी या फैन तक पहंच पाता है।
Voltage की खोज किसने किया था?
इटली के भौतिक विज्ञानी अलेजांद्रो वोल्टेज ने 1800 में वोल्टेज की खोज की थी। अपने द्वारा बनाये गए वोल्टेइक पाइल के मदद से वे विधुत के प्रवाह को दर्शाने में सक्षम हुए थे। उनके उस खोज के वजह से आज हम विधुत प्रवाह को न सिर्फ समझ पाए बल्कि उसके इस्तेमाल से हम संभावित दुर्घटना को रोकने के साथ साथ कई सारे उपलब्धि भी हासिल की।
Voltage के प्रकार –
वोल्टेज मूल रूप से दो प्रकार के होते है।
AC Voltage
DC Voltage
AC Voltage –
यह प्रत्यावर्ती धारा से उत्पन होती है, समय के साथ साथ इसके दिशा में परिवर्तन आता है। यह वोल्टेज AC करंट को AC सर्किट या परिपथ में प्रवाहित करने में मदद करता है। इसमें पावर फैक्टर होने के साथ साथ न्यूट्रल और फेज होते है।
घर में इस्तेमाल होने वाले फैन, टीवी, इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई आदि AC करेंट का उदाहरण है। यह इंसानों के लिए काफी खतरनाक साबित होता है, बिना अनुभव से इसके साथ छेड़खानी महंगी पड़ सकती है।
DC Voltage –
यह स्थिर करंट होता है, समय के साथ अपने दिशा परिवर्तन न करते हुए यह एक ही दिशा में प्रवाहित होता है। इसमें AC करंट के उलट पावर फैक्टर नहीं होते। इसमें न्यूट्रल और फेज के बजाय नेगेटिव और पॉजिटिव होते है। खिलौने में इस्तेमाल होने वाले बैटरी तथा सोलर पैनल इसके उदाहरण है।
Voltage की फार्मूला तथा सांकेतिक रूप-
वोल्टेज को सांकेतिक रूप से V द्वारा दर्शाया जाता है।
V=I×R
V(voltage)
I(Current)
R(Resistance)
Voltage की फेज की बात करे तो यह दो तरह के होते है, single phase और Three phase। घरे इस्तेमाल हेतु उपयोग बिजली single फेज वोल्टेज से होते हुए 230V AC करंट को बिजली के तार से घर तक पहंचने की काम करते है। वही 3 फेज वोल्टेज की बात करे तो यह कारखाने जैसी भारी मात्रा में इस्तेमाल किये जाने बिजली के लिए 440V के AC करंट को प्रवाहित करने में मदद करते है।
आशा है आपको voltage के बारे में आज जरूर कुछ नया सीखने को मिला होगा। ऐसे ही नए नए पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे और पोस्ट के बारे में अपना विचार हमे कमेंट में लिखने न भूले।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Voltage in hindi ( हिंदी में वाल्टेज ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।
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