Web 3.0 क्या है और यह वेब 2.0 और वेब 1.0 से अलग कैसे है?

Web 3.0 kya hai

Web 3.0 क्या है ? ( Web 3.0 kya hai ) आइए जानते हैं फिर 3.0 के बारे में यह क्या है और इसका प्रयोग किस लिए किया जाएगा और इसका महत्व क्या वर्तमान समय में हमारे अधिकतर काम इंटरनेट (Internet) द्वारा ही होते हैं। 

इंटरनेट अब सिर्फ सामान्य इंटरनेट नहीं रहा, यह बहुत हाई टेक (High tech) बन गया है। लेकिन यदि सब कुछ सही चला तो जल्द ही एक ऐसा टाइम भी आ जाएगा जब आप इंटरनेट के एक ऐसे फॉर्म को एक्सपीरियंस करेंगे जिसकी आपने और हमने कभी कल्पना(imagine) भी नहीं किया होगा। 

जी हा हम बात कर रहे हैं वेब 3.0 (Web 3.0) की। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि आपने इससे पहले न तो Web 3.0 के बारे में कभी पढ़ा होगा और न ही पहले कभी सुना होगा। लेकिन सच्चाई तो यह है कि इंटरनेट की इस दुनिया में Web 3.0 इस वक्त काफी नाम कमा रहा है। 

Web 3.0 के बारे में अधिक जानने से पहले आपको ये जानना अतिआवश्यक है कि अभी हम जिस के इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, वह Web 2.0 है और इससे पहले internet पूरी दुनिया में Web 1.0 से चल रही थी।

वेब 2.0 और वेब 3.0, साल 1990 के दशक के main वेब 1.0 और 2000 के दशक की शुरुआत की तुलना में वेब के सीरीज के repetition को डिनोट करते हैं। वेब 2.0 इंटरनेट का वर्तमान वर्शन है (एक शब्द जिसे अक्सर वेब के साथ परस्पर उपयोग किया जाता है) जिससे हम सभी परिचित हैं, जबकि वेब 3.0 इसके अगले चरण का वर्णन करता है।

जैसा की हम जानते है की वेब वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) इंटरनेट की मुख्य सूचना रेट्रीवल सिस्टम को रेफर करता है। www एक वेब पते का प्रस्ताव करता है और किसी स्पेसिफिक रिसोर्सेज को ऑनलाइन खोजते समय वेब ब्राउज़र में टाइप किए गए पहले वर्णों में से एक था। 

इंटरनेट के अग्रणी टिम बर्नर्स-ली को वर्ल्ड वाइड वेब शब्द गढ़ने का श्रेय हाइपरटेक्स्ट लिंक के माध्यम से परस्पर जुड़ी सूचना और संसाधनों के विश्वस्तरीय वेब को रेफरेंस्ड करने के लिए दिया जाता है।

जैसा की हमे पता चल गया है की वेब 2.0 और वेब 3.0 1990 और 2000 के दशक के मूल वेब 1.0 के क्रमिक, एडवांस्ड वर्शन को रिप्रेजेंट करते हैं। वेब 2.0 वेब का वर्तमान संस्करण है जिससे हम सभी परिचित हैं, जबकि वेब 3.0 इसके अगले चरण का रिप्रेजेंट करता है जो विकेंद्रीकृत (decentralized), ओपन और अधिक उपयोगिता वाला होगा।

स्मार्टफोन, मोबाइल इंटरनेट एक्सेस और सोशल नेटवर्क जैसे नवाचारों (innovations) ने वेब 2.0 की एक्सपोनेंशियल ग्रोथ को प्रेरित किया है।

वेब 2.0 उन क्षेत्रों के बीच एक ब्याधा रहा है जो नए वेब-आधारित व्यापार मॉडल को इंटीग्रेटेड करने में असफल रहे हैं। वेब 3.0 को जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि वेब 1.0 और वेब 2.0 क्या थे और इनके क्या लाभ है।

वेब 1.0

वेब 1.0 वर्ल्ड वाइड वेब विकास के पहले चरण को संदर्भित करता है। इससे पहले वेब 1.0 में केवल कुछ सामग्री निर्माता थे, जिनमें से ज्यादातर यूजर्स सामग्री के कंज्यूमर हैं। पर्सनल वेब पेज आम थे, जिनमें मुख्य रूप से ISP द्वारा संचालित वेब सर्वर या मुफ्त वेब होस्टिंग सेवाओं पर होस्ट किए गए स्थिर पेज शामिल थे।

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वेब 1.0 में इंटरनेट पर सर्फिंग (surfing) करते समय वेबसाइटों पर विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही साथ वेब 1.0 में, Ofoto एक ऑनलाइन डिजिटल फोटोग्राफी वेबसाइट है, जिस पर यूजर्स डिजिटल पिक्चर्स को archived, share, देख और प्रिंट कर सकते हैं।  

वेब 1.0 एक कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) है जो वेबसाइटों पर सूचना के टुकड़े को Display करने में सक्षम बनाता है। इसे एक प्राइवेट वेबसाइट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।  यह यूजर्स को देखे गए pages के अनुसार खर्च करता है। 

वेब 1.0 साइट की चार डिज़ाइन अनिवार्यताओं में शामिल हैं

  • स्टेटिक page
  • कंटेंट को सर्वर के फाइल सिस्टम से served किया जाता है।
  • सर्वर साइड इनक्लूड या कॉमन गेटवे इंटरफेस (CGI) का उपयोग करके बनाए गए पेज।
  • फ़्रेम और टेबल का उपयोग किसी pages पर एलिमेंट्स को स्थिति और संरेखित करने के लिए किया जाता है।

वेब 2.0

वेब 2.0 दुनिया भर की तमाम वेबसाइटों को संदर्भित करता है जो अंतिम यूजर्स के लिए यूजर जेनरेटेड कंटेंट, उपयोगिता और इंटरएक्टिविट को उजागर करती है। वेब 2.0 को सहभागी सोशल वेब भी कहा जाता है। 

यह किसी तकनीकी स्पेसिफिकेशन में मोडिफिकेशन का उल्लेख नहीं करता है, बल्कि वेब पेजों को डिजाइन और उपयोग करने के तरीके को modify करने के लिए है। हम जानते है की परिवर्तन फायदेमंद है लेकिन ऐसा नहीं लगता कि परिवर्तन कब होते हैं।   वेब 2.0, वेब 1.0 का उन्नत संस्करण है।

वेब ब्राउज़र टेक्नोलॉजीज का उपयोग वेब 2.0 विकास में किया जाता है और इसमें AJAX और javascript structures शामिल हैं। हाल ही में, AJAX और JavaScript फ्रेमवर्क वेब 2.0 साइट बनाने का एक बहुत लोकप्रिय साधन बन गए हैं।

वेब 2.0 की पांच प्रमुख विशेषताएं

  • सूचनाओं की फ्री सोर्टिंग करना, यूजर्स को सामूहिक रूप से जानकारी को फिर से प्राप्त करने और क्लासीफाइड करने की अनुमति देती है।
  • गतिशील कंटेंट जो यूजर्स के इनपुट के लिए जिम्मेदार है।
  • मूल्यांकन और ऑनलाइन कमेंट्स के माध्यम से साइट के मालिक और साइट के यूजर्स के बीच सूचना प्रवाहित होती है।

वेब 2.0 का उपयोग

सोशल वेब में कई ऑनलाइन टूल और प्लेटफॉर्म हैं जहां लोग अपने दृष्टिकोण, राय, विचार और अनुभव शेयर करते हैं। वेब 2.0 एप्लिकेशन अंतिम यूजर्स के साथ बहुत अधिक इंटरैक्ट करते हैं।  

Web 3.0 क्या है?

Web 3 जिसे वेब 3.0 भी कहा जाता है, जिसका उपयोग इंटरनेट के संभावित अगले चरण का वर्णन करने के लिए किया जाता है यह विषय 2021 में काफी चर्चा में रहा।

वेब 3.0 वेबसाइटों और ऐप्स के लिए इंटरनेट सेवाओं की तीसरी पीढ़ी की ओर ले जाता है, जो ज्ञान और सिमेंटिक वेब नियोजित करने वाली मशीन-आधारित सूचना समझ बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। अधिक बुद्धिमान, लिंक्ड और ओपन वेबसाइटों का निर्माण वेब 3.0 के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है।

  • वर्ल्ड वाइड वेब(www) जिसे वेब के रूप में भी जाना जाता है, वेब सर्वर में archived वेबसाइटों या वेब पेजों का एक कलेक्शन है और इंटरनेट के माध्यम से स्थानीय कंप्यूटर से जुड़ा है।
  • इन वेबसाइटों में टेक्स्ट पेज, डिजिटल इमेज, ऑडियो, वीडियो आदि होते हैं। यूजर्स कंप्यूटर, लैपटॉप, सेल फोन आदि जैसे अपने डिवाइसेज का उपयोग करके इंटरनेट पर दुनिया के किसी भी हिस्से से इन साइटों की कंटेंट तक पहुंच सकते हैं।
  • वेब 3.0 एक विकेन्द्रीकृत(कार्यों और शक्तियों का फैलाव या वितरण) इंटरनेट है जिसे ब्लॉकचेन(blockchain) तकनीक पर चलाया जाता है, जो उपयोग में आने वाले संस्करणों, वेब 1.0 और वेब 2.0 से अलग होगा।
  • Web 3 में यूजर्स के पास प्लेटफॉर्म और एप्लिकेशन में खुद की हिस्सेदारी होगी, अब के विपरीत जहां तकनीकी दिग्गज प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करते हैं।
  • ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी कंपनी एथेरियम के संस्थापक गेविन वुड ने 2014 में पहली बार वेब 3 शब्द का इस्तेमाल किया था और पिछले कुछ वर्षों में कई अन्य लोगों ने वेब 3 के विचार को जोड़ा है।

वेब 3.0 की आवश्यकता

  • वेब 2.0 में इंटरनेट और इंटरनेट ट्रैफ़िक में ज्यादातर डेटा का मालिकाना या प्रबंधन बहुत कम कंपनियों द्वारा किया जाता है जैसे गूगल।
  • इसने डेटा प्राइवेसी, डेटा सुरक्षा और ऐसे डेटा के दुरुपयोग से संबंधित समस्याएं पैदा कर दी हैं।
  • निराशा की भावना है कि इंटरनेट का मूल उद्देश्य फिर से जन्म हो गया है।

वेब 3.0 का महत्व

  • विकेंद्रीकृत (decentralised) और फेयर इंटरनेट: वेब 3 एक विकेंद्रीकृत और फेयर इंटरनेट प्रदान करेगा जहां यूजर्स अपने डेटा को नियंत्रित करते हैं।
  • फ्रॉड या अन्य को हटाता है: ब्लॉक चेन के साथ, लेन-देन का समय और स्थान स्थायी रूप से दर्ज किया जाता है।
  • इस प्रकार Web3 मॉडरेटर की भूमिका को समाप्त करके सहकर्मी से सहकर्मी (विक्रेता से खरीदार) लेनदेन को सक्षम बनाता है। इस अवधारणा को बढ़ाया जा सकता है।
  • वेब 3.0 उत्पादकों और उपभोक्ताओं को सामान्य रूप से अधिक लचीलेपन की अनुमति देगा। वेब 3.0 यह सुनिश्चित करने के लिए विकेन्द्रीकृत नेटवर्क का उपयोग करेगा कि उपभोक्ताओं का अपने ऑनलाइन डेटा पर हमेशा नियंत्रण रहे।

अंतिम शब्द

हमारे इस लेख में आपको Web 3.0 क्या है ? ( Web 3.0 kya hai ) के बारे में बताया गया है। उम्मीद हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा।

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