Netaji subhash chandra bose jayanti नमस्कार दोस्तों, महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम से तो आप सब परिचित ही होंगे।आपको इनका बेहद मशहूर नारा तो याद ही होगा ‘तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा ‘जय हिंद जैसे नारे को देकर देशवासियों के अंदर साहस उत्पन्न करने वाले सुभाष चंद्र बोस का नाम इतिहास में दर्ज है।
लोगों को प्रेरित करने के लिए सुभाष चंद्र के जीवन की घटनाएं नई पीढ़ी कहानी सुनाई जाती है जिससे वे प्रेरणा ले सके। आज सुभाष चंद्र बोस की 126 वी जयंती है।नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल किए गए थे।
जिन्होंने आज के युवा वर्ग को अभिप्रेरित हैं। सरकार ने नेताजी के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस ‘के रूप में सेलिब्रेट करने की घोषणा की है ,तो चलिए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें,
सुभाष चन्द्र बोस की जयंती कब मनाई जाती हैं ?
नेताजी सुभाष चन्द्र बॉस की जन्म जयंती के उपलक्ष में इनकी जयंती हर साल 23 जनवरी को मनाई जाती हैं.
नेताजी के जीवन का महत्वपूर्ण घटना क्रम
महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन 1857 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती था।
सुभाष चंद्र के पिता जानकीनाथ बोस कटक शहर के एक जाने-माने वकील थे। अंग्रेज सरकार ने उदय राय बहादुर का खिताब भी दिया था। बोस के पिता सुभाष चंद्र बोस को आईएएस बनाने की इच्छा रखते थे ।यही वजह है कि उन्होंने बोस को विदेश भी भेजा।
1920 में सुभाष चंद्र बोस ने वरीयता सूची में चौथा स्थान प्राप्त करते हुए परीक्षा पास कर ली. नेताजी बचपन से ही पढ़ाई- लिखाई में बहुत तेज और देश की आजादी में अपना योगदान देने की इच्छा रखते थे।
इतिहास में दर्ज है 23 जनवरी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है। भारत की स्वतंत्रता के लिए इस स्वतंत्रता सेनानी ने तकरीबन पूरे यूरोप में अलग चल गया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रकृति से साधु ईश्वर के अनन्य भक्त और तन एवं मन से सच्चे देशभक्त थे।
सुभाष चंद्र बोस महापुरुष कैसे
सुभाष चंद्र बोस के अतिरिक्त हमारे देश में कोई ऐसा महापुरुष ने जन्म नहीं लिया है। जिसके अंदर उनकी तरह महान सेनापति ,वीर सैनिक ,राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त पुरुषों नेताओं के समकक्ष स्वाधिकार बैठकर ,कूटनीतिक और चर्चा करने वाला हो।
नेताजी की जयंती पर भारत सरकार ने पिछले वर्ष 125 का सिक्का जारी किया
30 जनवरी को आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन मनाया जाता है वही 2021 में नेताजी की 125 में जयंती की वर्षगांठ थी इस अवसर पर भारत सरकार ने नेताजी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की और इस अवसर पर भारत सरकार 125 रुपए का सिक्का भी जारी करेगी
नेताजी का स्वामी विवेकानंद के पक्षधर थे
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के दिलों दिमाग पर स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर कब्जा था। ऐसे में वे आईसीएस बनकर अंग्रेजों को गुलामी कैसे सह पाते यही वजह है कि उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
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जब साइमन कमीशन भारत आया था तब कांग्रेस ने उन्हें काले झंडे दिखाए थे वहीं कोलकाता में सुभाष चंद्र बोस ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था
नेताजी से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियां
- सन 1934 में नेताजी की मुलाकात एमिली शेंकल से हुई थी ,और इसी दौरान इन दोनों का प्रेम विवाह हो गया।
- 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हॉल के सामने ‘सुप्रीम कमांडर’ के तौर पर नेता जी ने अपनी सेना को ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया था।
- 1944 को आजाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर आक्रमण कर दिया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त भी करा दिया
- केवल इतिहासकार यह जानते होंगे की आजादी की लड़ाई में सुभाष चंद्र को 11 बार जेल हुई थी।
- भारत में रहने वाले उनके परिवार लोगों का आज भी यही कहना है सुभाष चंद्र बोस की मौत 1945 में नहीं हुई बल्कि वे रूस में नजरबंद थे।
यह थी कुछ जानकारी Netaji subhash chandra bose jayanti के बारे में.