Gateway of india kahan sthit hai नमस्कार दोस्तों, आज हम भारत में स्तिथ गेटवे ऑफ इंडिया जो की मुंबई का प्रमुख दर्शनीय स्थल है, के बारे में संपूर्ण जानकारी बताने वाले है। गेटवे ऑफ इंडिया महाराष्ट्र की राजधानी और देश का सबसे बड़े शहर मुंबई शहर में स्थित भारत के सबसे अनोखे स्थलों में से एक है।
मुंबई में देखी जाने वाली चीज़ों में से एक गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण 20 वीं शताब्दी के दौरान बनाया बनाई गई एक जानी मानी और एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह गेटवे ऑफ़ इंडिया विशाल संरचना का निर्माण साल 1924 में किया गया था।
यह स्थल मुंबई में अपोलो बंदर के तट पर स्थित, गेटवे मुंबई बंदरगाह को दिखता है। जो महाराष्ट्र के कोलाबा जिले में भारत के पास सबसे बड़ी खाड़ी अरब सागर से घिरा है। गेटवे ऑफ इंडिया हमारे देश का एक प्रमुख स्मारक है जो भारत के प्रमुख बंदरगाहों को चिह्नित करता है और भारत आने वाले आगंतुकों के लिए एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
गेटवे ऑफ़ इंडिया
हमारे देश में अंग्रेजी शासन के समय ब्रिटिश साशन के समय में बनाया गया यह स्मारक भारत में ब्रिटिश राज की भव्यता और उत्कृष्ट का प्रतिनिधित्व करता था। मुंबई में स्तिथ यह एक स्मारक की कुल निर्माण लागत उस समय 21 लाख थी और पूरा खर्च भारत सरकार ने दिया था, वर्तमान में यह राशि काफी ज्यादा हो सकती हैं।
मुंबई में स्तिथ जानी मानी जगहों में से एक यह पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा स्थान होने कारन यहाँ विक्रेताओं, खाद्य स्टाल और यहा पर उपस्तिथ फोटोग्राफरों को ज्यादा आकर्षित करता है। मुंबई शहर में ‘समरसेट लाइट इन्फैंट्री की पहली बटालियन’ के गुजरने को गेटवे ऑफ इंडिया पर हुई उस समय की पहली और सबसे मुख्य घटना के रूप में दर्ज किया गया था। यह समारोह 28 फरवरी, 1948 को आयोजित किया गया था।
Gateway of india kahan sthit hai
मुंबई की सबसे प्रशिद्ध जगहों में एक यह गेटवे ऑफ़ इंडिया मुंबई के कालबा में स्तिथ हैं। गेटवे ऑफ़ इंडिया मुंबई की सबसे प्रशिद्ध जगहों में से एक हैं।
गेटवे ऑफ़ इंडिया का इतिहास
आपको मुंबई के कालबा में स्तिथ इस गेटवे ऑफ इंडिया का इतिहास के बारे में बताये तो उसका निर्माण की योजना साल 1911 के दिसंबर में दिल्ली दरबार से पहले और जाने माने मानव किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी की मुंबई यात्रा के उपलक्ष्य में बनी थी।
गेटवे ऑफ इंडिया, इस जाने माने स्मारक के निर्माण का मुख्य उद्देश्य उस समय अंग्रेज प्रिंस और प्रिंसेस किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी के द्वारा की गई उनकी उस समय की बॉम्बे (मुंबई) की यात्रा का स्मरण करना था। 1911 में, अंग्रेज अधिकारी सर जॉर्ज सिडेनहैम क्लार्क बॉम्बे के गवर्नर ने स्मारक की नींव रखी थी ।
मगर हम अगर बाते करे की इस योजना को मंजूरी मिली थी तो इसके बारे में बताये की इसको मंजूरी 1914 में मंजूरी मिली और इसके बाद इसके अपोलो बंदर में सुधार 1919 में पूरा किया गया था।
मंजूरी और निर्माण के बाद इसमें गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण कार्य साल 1920 में शुरू हुआ जो उसके बाद चार वर्षों बाद यानी 1924 में बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद कहा जाए तो यह स्मारक के निर्माण को पूरा करने में 4 साल का समय लगा था ।
गेटवे ऑफ़ इंडिया के वास्तुकार
मुंबई में स्तिथ इस वास्तुकार जॉर्ज विटेट ने इस जानी मानी गेटवे ऑफ इंडिया को डिजाइन किया और 4 दिसंबर, 1924 को अंग्रेजी अधिकारी वायसराय अर्ल ऑफ रीडिंग ने स्मारक का उद्घाटन किया था।
Gateway of India के टूरिस्ट Attraction
गेटवे ऑफ़ इंडिया के यह है कुछ ख़ास Attraction जो दर्शकों को उस स्मारक की और आकर्षित करते हैं।
- Ferry to Alibaug
- Indian Museum Ship (Vikrant)
- Design Temple
- Parvati Villa
- Bowen Memorial Methodist Church
- Avante Cottage Crafts of India
- Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya
- Jehangir Art Gallery
- Cathedral of the Holy Name
अंतिम शब्द
इस लेख में आपको Gateway of india kahan sthit hai के बारे में बताया गया हैं। उम्मीद हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।