Bharat ka sabse bada jila नमस्कार दोस्तों, देश और कई जिले और शहर हैं जो अपनी किसी न किसी विशेषता के लिए जाना जाता हैं। क्या आप जानते हैं की भारत का सबसे बड़ा जिला कौनसा हैं ?
कच्छ जिला भारत का सबसे बड़ा जिला हैं। कच्छ जिला जो की पश्चिमी भारत में गुजरात राज्य का एक जिला है, जिसका मुख्यालय (राजधानी) भुज (Bhuj) में है। लगभग 45,674 किमी² के क्षेत्र को कवर करते हुए, यह भारत का सबसे बड़ा जिला है।
अगर जनरल नॉलेज के हिसाब से देखा जाए तो भारत का सबसे बड़ा जिला लद्दाख है। लेकिन इस जिले का क्षेत्रफल 45,110 वर्ग किलोमीटर है इसलिए यह जिला भारत में दूसरा स्थान ग्रहण करता है।
Bharat ka sabse bada jila
भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से देखे तो गुजरात राज्य का कच्छ जिला भारत का सबसे बड़ा जिला हैं।
दोस्तों यदि हम इस जिले के नाम का शाब्दिक अर्थ देखे तो, इस जिले के नाम कुछ ऐसा जो रुक-रुक कर गीला और सूखा हो जाता है अर्थात इसइस जिले का एक बड़ा हिस्सा कच्छ के रण के रूप में जाना जाता है जो उथली (shallow) गीलीभूमि (wetland) है जो बारिश के मौसम में पानी में डूब जाता है और अन्य मौसमों में सूख जाता है।
यह जिले की भौगोलिक दृष्टि क्या है?
यदि हम इसके भौगोलिक क्षेत्र की ओर जाए तो वो इस प्रकार है। गांधीधाम (Gandhidham) कच्छ की वित्तीय राजधानी है। अन्य मुख्य शहर रापर, नखतराना, अंजार, मांडवी, माधापार, मुंद्रा और भचाऊ हैं। इस विशाल जिले में 969 गांव हैं। काला डूंगर (Black Hill) कच्छ का सबसे ऊँचा स्थान है जिसकी ऊँचाई 458 मीटर है।
यदि हम कच्छ को आभासी तौर पे देखे तो यह एक द्वीप है, क्योंकि यह पश्चिम में अरब सागर से घिरा हुआ। इस श्रेष्ठ जिले कच्छ में कुल 97 छोटी नदियां (जैसे भूखी नदी,न्यारा नदी, खरोड़ नदी मालण नदी पंजोरा नदी इत्यादि) है,जिनमें से अधिकतर अरब सागर में गिरती हैं, लेकिन इनमें से कुछ कच्छ के रण को भी तारती हैं। इस जिले में 20 प्रमुख बांध है और कई छोटे बांध भी है।
कच्छ जिले को दस तालुकों में बांटा गया है उनमें से है अब्दसा (अब्दसा-नालिया), अंजार, भचाऊ, भुज, गांधीधाम, लखपत, मांडवी, मुंद्रा, नखतराना और रापर।
कच्छ वन्यजीव अभ्यारण्य
इस जिले में कुछ ( wildlife sanctuaries ) इस प्रकार है सन भारतीय जंगली गधा अभयारण्य, कच्छ रेगिस्तान वन्यजीव अभयारण्य, नारायण सरोवर अभयारण्य, कच्छ बस्टर्ड अभयारण्य इत्यादि।
कच्छ जिले की जनसंख्या कितनी है?
भारत के सन् 2011 की जनगणना के अनुसार कच्छ जिले की जनसंख्या 2,092,371 है जो लगभग उत्तरी मैसेडोनिया(North Macedonia) एक देश है उसके बराबर है या अमेरिका के न्यू मैक्सिको(New Mexico) राज्य के बराबर है।
इस जनसंख्या के अनुसार कच्छ जिला भारत में (कुल 640 में से) 217वें स्थान पर है। कच्छ में प्रत्येक 1000 पुरुषों पर 908 महिलाओं का sex ratio है और literacy rate 71।58% है।
कच्छ जिले की शिक्षा और संस्कृति क्या है?
कच्छ में उच्च शिक्षा को 2003 से कच्छ विश्वविद्यालय (Kutch University) द्वारा नियंत्रित किया गया है। कुल मिलाकर लगभग 43 कॉलेज विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, जो मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, चिकित्सा, नर्सिंग, शिक्षा और कंप्यूटर विज्ञान में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
इंजीनियरिंग, फार्मेसी और प्रबंधन में व्यावसायिक पाठ्यक्रम गुजरात प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(Gujarat Technological University) के माध्यम से नियंत्रित होते हैं। कच्छ जिले में मुख्य रूप से बोली जाने वाली भाषा कच्छी(Kutchi) को सिंधी की बोली के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
लेकिन इस जिले में और भी भाषाएं बोली जाती है। हिंदी और सिंधी भाषाओं का प्रयोग उतना नही होता जितना की गुजराती और कच्छी का प्रयोग होता है।
कच्छ जिला अलग अलग समूहों और समुदायों द्वारा बसा हुआ है। कच्छ में रहने वाले अलग अलग खानाबदोश(Nomadic),अर्ध खानाबदोश(Semi Nomadic) और तमाम तरीके के कलाकार भी पाए जाते हैं।
कच्छ जिले का भोजन बहुत मशहूर है अगर कभी आपका यह आना हो जाए तो एक बार इस जिले के भोजन(कच्छी दबेली और कच्छी थाली) का जरूर आनंद उठाए।
कच्छ जिले की ज्यादातर आबादी हिंदू या जैन है तो इस क्षेत्र का भोजन काफी हद तक शाकाहारी है। जैन लोग जड़ वाली सब्जियां जिसको हिंदी में कंदमूल बोला जाता है और भी सब्जियां है जैसे आलू, लहसुन, प्याज और यम खाने से भी परहेज करते हैं।
कच्छ जिले के कुछ पर्यटक स्थल
यदि आपको कभी कच्छ आने का मौका मिले तो आप नीचे दिए गए स्थानों का भ्रमण कर सकते है।
- कच्छ में नारायण सरोवर हिंदुओं के लिए सबसे प्राचीन और पवित्र स्थानों में से एक है।
- कोटेश्वर मंदिर यह स्थान भी फेमस है।
- माता नं मध में आशापुरा माता मंदिर। आशापुरा माता कच्छ राज्य के पूर्व जडेजा शासकों की घरेलू देवता (कुलदेवी) हैं।
- इस कच्छ क्षेत्र में स्वामीनारायण संप्रदाय का बहुत बड़ा अनुसरण है। इस जिले में उनका मुख्य मंदिर श्री स्वामीनारायण मंदिर है।
- इस कच्छ क्षेत्र में मुसलमानों की बहुत बड़ी संख्या है। इस जिले में उनका मुख्य दरगाह-मंदिर शाह जकारिया अली अकबर, हाजीपीर है।
- यहां की सियोट गुफाएं बहुत लोकप्रिय मानी जाती है।
- श्री भद्रेश्वर जैन तीर्थ डेरासर है।
- कोडे जैन तीर्थ (72 जिनालय जैन मंदिर यहां का सबसे प्रसिद्ध है)
- वंकी महावीर जैन मंदिर यहां की बहुत चर्चित मंदिर में से एक है।
- कोठारा शांतिनाथ जैन तीर्थ है।
- नलिया तृतीय जैन डेरासारी।
यह हैं वो कुछ विशेष स्थान जहा पर आप घूम सकते हैं।