Vyanjan in hindi ( व्यंजन हिंदी मे ) हिंदी मे वर्ण मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है। इन दोनों प्रकारों के वर्णों मे एक स्वर होते है और दुसरे व्यंजन होते है। इस लेख मे हम आपको व्यंजन के बारे मे हिंदी मे बताने की कोशिश कर रहे है।
व्यंजन हिंदी में
हिंदी मे वर्ण का एक अन्य भाग व्यंजन के बारे मे आपको बताये तो हिंदी मे मुख्य रूप से 52 वर्ण होते है जिसमे से 33 व्यंजन होते है। इन सभी व्यंजनों को भी कई अलग – अलग भागों मे बताया गया है।
व्यंजन की परिभाषा
हिंदी के ऐसे वर्ण जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से नही होता है। ऐसे वर्ण जिनके उच्चारण मे स्वर का सहारा लेना होता है। वो मुख्य रूप से व्यंजन कहलाते है। व्यंजनों के उच्चारण के समय प्राणवायु फेफड़ो से बाहर आते समय कुछ देर के लिए मुख मे रूक जाती है और उसके बाद अवरोध कर मुह से बाहर आती है।
व्यंजन कितने होते है ?
हिंदी मे मुख्य रूप से व्यंजन 33 होते है जिसमे क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट,ठ , ड ,ढ़ ,ण, त, थ ,द ,ध ,न, प , फ , ब ,भ , म, य , र ,ल,व , श , ष, स ,ह इत्यादि प्रमुख होते है।
व्यंजन कितने प्रकार के होते है ?
व्यंजन के प्रकारों की बात करे तो यह कितने प्रकार के होते है इसके बारे मे बात करे तो यह मुख्य रूप से 7 प्रकार के होते है।
- स्पर्शी व्यंजन – ऐसे व्यंजन जिनका इस्तेमाल करने के लिए जीभ और मुख का इस्तेमाल करना होता है।
- संघर्षी व्यंजन – यह वो व्यंजन होते है जिनके इस्तेमाल मे व्यंजन प्राणवायु मुख्य अवयवों का इस्तेमाल करती है।
- नासिक्य व्यंजन – यह वो व्यंजन होते है जिनके इस्तेमाल के समय प्राणवायु नाक के भार से निकलते है।
- पाश्रिव व्यंजन – ऐसे व्यंजनो के इस्तेमाल मे प्राणवायु जीभा के दोनों हिस्सों से निकलती है।
- प्रकम्पित व्यंजन – यह वो व्यंजन होते है जिनमे जीभ दो बार कम्पन होती है।
- उत्क्षिप्त व्यंजन – यह वो व्यंजन होते है जिनके इस्तेमाल के समय जीभ का अगला भाग एक झटके के साथ गिरता है।
- संघर्षहीन व्यंजन – यह वो व्यंजन होते है जिनके इस्तेमाल के समय प्राणवायु बिना किसी संघर्ष के मुह से बाहर आ जाती है।
अंतिम शब्द
हमारे इस लेख मे आपको Vyanjan in hindi ( व्यंजन हिंदी मे ) के बारे मे बताया गया है। उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आय होगा। इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे।