विधायिका किसे कहते है? विधायिका की परिभाषा क्या है?

Vidhayika kise kahte hain

विधायिका किसे कहते है? ( Vidhayika kise kahte hain ) भारतीय संविधान के तीन सबसे महत्वपूर्ण अंग है। संविधान के तीन सबसे महत्पूर्ण अंगों में विधायिका एक महत्वपूर्ण अंग है। संविधान के इन तीन अंगों में से एक महत्वपूर्ण अंग विधायिका के बारे में इस लेख में बता रहे है। 

इस आर्टिकल में विधायिका क्या है? के बारे में बताने जा रहे है। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े ताकि इसके बारे में पूरी जानकारी आपको मिल सके। 

विधायिका किसे कहते है?

विधायिका को हम एक सामान्य परिभाषा से समझे तो इसका मतलब होता है “संविधान का वो अंग जो देश में कानून बनाने का कार्य करता है।” विधायिका का मुख्य कार्य होता है कानून बनाना। विधायिका संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। 

संविधान के चार स्तंभों में से यह पहला स्तम्भ है और सबसे महत्वपूर्ण है। देश में जितने भी कानून बने है या भविष्य में कानून बनते है तो वो उसे विधायिका बनाती है। भारतीय संघ की विधायिका को संसद कहा जाता है।

विधायिका के दो अंग होते है जिसमे लोकसभा और राज्य सभा मुख्य है। इसमें उच्च सदन लोक सभा होता है वही निम्न सदन राज्य सभा होता है।  

आपने क्या सीखा ?

हमे आशा है की आपको विधायिका किसे कहते है? ( Vidhayika kise kahte hain ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।

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