Kabaddi ka maidan ( कब्बडी का मैदान ) कबड्डी से तो हर कोई वाकिफ होगा। गांव के मैदान से लेकर स्कूल तक हर कोई कभी न कभी बचपन में यह खेल जरूर खेले होंगे। इस खेल न सिर्फ दिमाग बल्कि उसके साथ साथ शारीरिक वल का भी प्रयोग होता है। आज यह खेल न सिर्फ भारत वर्ष में बल्कि पूरे विश्व भर में प्रशिद्ध है। आज भारत समेत कई सारे देश कबड्डी को अपना चुके है।
खेल के खिलाड़ी
इस खेल के हर दल में 7 खिलाडी होते है। जो दल पहले हरकत में आता है उसके एक खिलाडी दूसरे के खेमे में जाकर दूसरे दल के खिलाड़ी को छूकर फिर से वापस अपने खेमे में लौट आता है। उसे रेडर कहा जाता है। और दूसरे दल को डिफेंडर। रेडर के अपने खेमे में लौट ने से पहले अगर डिफेंडर उसे पकड़ ले तो वो खिलाडी खेल से बाहर हो जाता है।
इसमें हर रेडर्स को 30 सेकंड का वक़्त मिलता है रेड करने में। यह खेल 40 मिनट का होता है जिसमे दोनों तरफ के दल को 20-20 मिनट दिए जाते है रेड के लिए।
इस खेल में सेंटर में एक डिफेंडर होने के साथ साथ राईट कवर और लेफ्ट कवर होते है। उनके पीछे राईट इन और लेफ्ट इन होते है। यह राईट कवर और लेफ्ट कवर के साथ मिलकर रेडर को ब्लॉक करने में मदद करते है। फिर लास्ट में होते है राईट कार्नर और लेफ्ट कार्नर।
कबड्डी के मैदान
पुरुषों और महिला खिलाड़ी के लिए अलग अलग मैदान होते है। जहाँ पुरुषों के मैदान की लंबाई 12।50 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होता है वहां महिलाओं के लिए लंबाई 11 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर तय की हुई है।
कबड्डी के मैदान एक आयातकार क्षेत्र होता है। इसको दोनों तरफ से दो समान हिस्सो में बांटती हुई रेखा को हम मध्य रेखा या फिर सेंटर लाइन कहते है। सेंटर लाइन को क्रॉस करने के बाद राइडर्स को 30 सेकंड मिलते है अपने हाफ या खेमे में लौटने के लिए। सेंटर लाइन के बाद दो और लाइन होते है, जिसके बाद एन्ड लाइन आता है। यह दो लाइन बक लाइन(baulk line) और बोनस लाइन (bonus line) होते है।
मध्य रेखा से समान्तर दोनों तरफ से 3।75 मीटर बाद baulk line आता है। यह रेखा काफी महत्वपूर्ण होता है। किसी भी रेडर का मध्य रेखा पर करने के बाद उसका baulk लाइन को पार करना अनिवार्य है। अगर कोई रेडर ऐसे करने में विफल होता है और सेंटर लाइन को पार करके वापस लौट जाता है तो उसे आउट माना जायेगा।
Baulk लाइन के बाद बोनस लाइन आता है। Baulk लाइन और बोनस लाइन के बीच 1 मीटर का फासला होता है। रेडर एक बार baulk लाइन को छू ले, फिर वो बोनस लाइन को पार करके बोनस पॉइंट पा सकता है। बिना किसी डिफेंडर को छूते हुए या फिर पकड़ में आये रेडर को पॉइंट पाने का यह एक आसान तरीका है।
बोनस लाइन के बाद आखिर में एन्ड लाइन होता है। बोनस लाइन और एन्ड एन्ड लाइन के बीच 1।75 मीटर का डिस्टेंस होता है।
कबड्डी के कोर्ट में खिंचे हुए सभी लाइन के मोटाई 3 से लेकर 5 सेंटीमीटर तक का होता है।
अंतिम शब्द
हमे आशा है की आपको Kabaddi ka maidan ( कब्बडी का मैदान ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।
यह भी पढ़े