नमस्ते देशवासियों जानते हैं आपदा प्रबंधन क्या है Aapda Prabandhan Kya Hai? क्या आपने कभी आपदाओं के बारे में सोचा है? क्या आप जानते हैं कि आपदाओं का प्रबंधन क्यों महत्वपूर्ण है? आपदा प्रबंधन विषय हमारी आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
यह विषय उन्हें आपदाओं के प्रकार, उनके कारण, प्रभाव और उनके संभावित समाधानों के बारे में जागरूक करता है. इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताएंगे और साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आपको कम समय में पूरी जानकारी दे पायें.
Aapda Prabandhan Kya Hai ?
आपदा के दौरान घटनाएं जैसे भूकंप, बाढ़, तूफ़ान, आग, या भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं. इन आपदाओं को प्रबंधन के जरिये निपटा जाता है. और ऐसा करना सरकार और प्रशासन हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि इसमें आमजन के साथ सरकारी जगहों का भी विनाश हो सकता है.
ताकि हम इंसानों पर इस के प्रभावों को कम कर सकें और आमजन की बेहद कीमती जान माल को बचाया जा सके. आपदा प्रबंधन का मतलब होता है आपदाओं के दौरान या उसके तुरंत बाद राहत कार्यो की शुरुआत और साथ ही अल्प सुविधाओ के बावजूद अधिकतम प्रयास ताकि कई जान बचा सके.
Aapda Prabandhan Kya Hai in english : Disaster Management
आपदा कब आती है क्यों आती है?
जैसा कि हम जानते हैं, आपदाएं अचानक ही आती हैं और हमारे अमूल्य जीवन को बुरी तरीके से प्रभावित कर डालती हैं. इसलिए, इन आपदाओं के संभावित प्रभावों को कम करने के लिए हमें आपदा प्रबंधन की जरूरत होती है. आज हम आपको आपदा प्रबंधन से जुडी संस्था NDRF और उसके द्वारा उठाये जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कदमों के बारे में विस्तार से बताएँगे
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आपदा प्रबंधन के दौरान NDRF के द्वारा लिए जाने वाले एहतियाती कदम:
पहली प्रतिक्रियामिलते ही NDRF को सुचना दी जाती है. वैसे यह संगठन २४ घंटे तत्पर रहता है. NDRF द्वारा आपदा प्रबंधन के साथ व्यवस्थित रूप से निपटने के लिए अपनी पहली प्रतिक्रिया तत्परता से दुर्धटनास्थल पर पंहुंच कर दी जाती है.
इसमें आपदा के आदान-प्रदान को व्यवस्थित करने के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया जाता है, जिनमें सेना, नौसेना, वायुसेना और अन्य सरकारी अधिकारी, और लोकल प्रभावशाली लोग भी शामिल होते हैं जिनको एरिया की अच्छी समझ हो.
इसके तुरंत बाद ही NDRF द्वारा आपदा के प्रभाविकता का मूल्यांकन किया जाता है ताकि सबसे आवश्यकतापूर्ण क्षेत्रों को पहले ध्यान में रखा जा सके. इसके लिए एक विस्तृत छानबीन की जाती है जिसमें प्राकृतिक आपदा के तत्वों, जनसंख्या, संपत्ति आदि के आधार पर फैसला लिया जाता है.
इमरजेंसी में दूर संचार संशाधनो का इस्तेमाल
अन्य लोग अपने परिचितों को लेकर चिंतित होते हैं और उनको चाहिए होता है एक नंबर जिनसे वो अपने लोग से बात कर पायें. इस दौरान मोबाइल इन्टरनेट और लैंडलाइन तक बंद हो सकते हैं. ऐसे में NDRF अपनी अभियांत्रिकी समर्थन टीम के माध्यम से आपदा के क्षेत्र में मशीनरी और कम्युनिकेशन के साधन की उपलब्धता को सुनिश्चित करती है.
इसमें विभिन्न उपकरणों और मशीनरी का उपयोग करके आपदा प्रबंधन किया जाता है. इस दौरान ड्रिलिंग कटर जैसे मशीनरी की अधिक आवश्यकता होती है. तथा उनको लाने ले जाने हेतु जीप, जेसीबी, क्रेन की जरूरत पड़ती है.
मशीनरी का उपयोग
इनके द्वारा मशीनों को उपयुक्त जगह पर इनस्टॉल करके इनका उपयोग अपशिष्ट सामग्री को हटाने, लोगों को बाधाओं से निकालने और अतिरिक्त राहत कार्यों के लिए किया जाता है.
सरंचना उपकरणों के माध्यम से NDRF की टीम आपदा क्षेत्र में मार्ग-निर्माण, भवनों के तत्वों के हटाए जाने, बाधाओं को हटाने, अतिरिक्त संरक्षण सुविधाओं की स्थापना आदि करता है. इनमें क्रेन, फोर्कलिफ्ट, इन्जिनियरिंग वाहन आदि काम में लिए जा सकते हैं.
इस दौरान क्या मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाता है ?
मेडिकल टीम भी NDRF के साथ रह कर टीम के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्र में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करती है. यह मेडिकल टीम घायलों की चिकित्सा सेवाओं, चिकित्सा उपकरणों के द्वारा गंभीर रूप से चोटिल और घायल लोगो की आपातकालीन चिकित्सा देखभाल और चिकित्सा योजनाओं को संचालित करने में मदद करती है.
यह टीम चिकित्सा प्रशिक्षित और प्रभावी चिकित्सा पेशेवरों के रूप में परिपक्व होती है. ये बेहद तेजी से चोट, हड्डी टूटने, अंगो के कटने जैसे दुविधाओ का फर्स्ट ऐड शुरू कर उन्हें अस्पताल भेजते हैं.
NGO का रोल
लोकल ngo की मदद लेकर NDRF आपदा प्रभावित क्षेत्र में खाद्य और पेय पदार्थो की व्यवस्था, कम्बल, ऑक्सीजन सिलिंडर जैसे जरुरत की वस्तुओं को सही समय पर प्राप्त हो सकती हैं.
राहत और पुनर्वास सुविधा के त्वरित उपाय के तौर पर NDRF के द्वारा राहत और पुनर्वास सुविधाएं सुचारू की जाती हैं. प्रभावित लोगो को खाद्य सामग्री, पीने का पानी, बर्फ, चादर, कपड़े, और स्वास्थ्य से जुडी सामग्री प्रदान करते हैं.
Local Administration
स्थानीय ग्रामीण लोगों के लिए आवास सुविधाएं, अस्पताल और चिकित्सालयों के आवास का प्रबंध, स्वास्थ्य सेवाएं, मानसिक समर्थन और सामुदायिक आपदा में टोल फ्री नंबर जारी किये जाते हैं. ऐसे में लोकल लोग भी आते हैं और अधिकारी गण भी तत्परता से जुट कर अपना काम करते हैं.
फाइनल वर्ड्स
ये सभी कदम आपदा प्रबंधन में NDRF के द्वारा अपनाए जाते हैं ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्र में तत्परता, दक्षता, और सहयोग के जरिये जनता को राहत मिल सके. इन कदमों का पालन ही आपदा प्रबंधन मे होता है. तो आज आपने जाना कि Aapda Prabandhan Kya Hai ? लेख कैसा लगा हमें कमेंट में बताएं.