Hindi ki matra ( हिंदी की मात्रा ) वर्ण भाषा के मूल स्वरूप होते है। किसी भी भाषा सीखनी हो तो हमे पहले उसके वर्ण को सीखते है, आप इन्हें भाषा के इकाई रूप भी कह सकते है। वर्ण के उच्चारण में जो समय लगते है उसे हम मात्रा के रूप में जानते है।
उदाहरण के लिए जब हम क के उच्चारण करते है भले ही हमे सिर्फ क ही दिखे पर यह (क+अ होता है) अ के उच्चारण के बाद ही समाप्त होता है। वेसे ही का के उच्चारण में (क+आ ) क के बाद आ के उच्चारण से ही यह पूरी होता है।
भाषा में मात्रायें सिर्फ शब्दों को उच्चारित करने में ही मदत नहीं करते बल्कि शब्दों के नाजुकीयत को भी दर्शाते है। हिंदी में भी मात्रायें शब्द तथा वाक्यों को गठन करने के मदत करते है।
मात्रा के परिभाषा-
हम यह जानते है कि हिंदी के वर्ण दो भागों में बटा हुआ है, स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण। व्यंजन वर्ण स्वर के उच्चारण के बिना उच्चारित नहीं हो पाते। व्यंजन वर्ण के उच्चारण के लिए हमे सभी 11 स्वर वर्ण के सहायता लेनी होती है।
इन्ही 11 स्वरवर्ण से मात्रा की सृष्टि है। पर भले ही अ स्वरवर्ण है मगर इसका कोई सांकेतिक रूप से मात्र नहीं है। बाकी 10 वर्ण के अलग अलग तरह के मात्र होती है।
मात्रा के प्रकार-
मात्रा 3 प्रकार के होते है। ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत। ह्रस्व मात्रा के उच्चारण छोटे होते है जब के दीर्घ मात्रा के उच्चारण लंबे और प्लुत के उच्चारण काफी लंबे होते है। प्लुत मात्रा के व्यबहार संस्कृत में होते है, हिंदी में सिर्फ ह्रस्व और दीर्घ मात्रा के प्रयोग ही होते।
मात्रयों के प्रयोग उदाहरण के साथ-
हिंदी में 11 वर्ण होते है जब के सिर्फ 10 मात्राओं का इस्तेमाल होता है।
अ की मात्रा-
अ की मात्रा भले हमे परिलक्षित न हो पर उच्चारण में यह दिख सकते है। जैसे की क, ख, ग के उच्चारण में हम आखरी में अ के उच्चारण करते ही है।
आ की मात्रा-
क+आ= का
ख+आ= खा
ग+आ= गा
उदाहरण- काम, खाना, गाय, शाम, राम, दिवाकर
इ की मात्रा-
क+इ- कि
ख+इ-खि
ग+इ- गि
उदाहरण- किस्मत, निगम, किताब, किसान, निम्ब
ई की मात्रा-
ई की मात्रा बड़ी ई से भी परिचित है, इसकी उच्चारण लंबी होती है।
च+ई- ची
छ+ई- छी
ज+ई- जी
उदाहरण – खली, जीवन, पीला, शहीद, ताली, नदी
उ की मात्रा-
क+उ- कु
म+उ- मु
स+उ- सु
उदाहरण – पुल, गुस्सा, झुमका, बुलबुल
ऊ की मात्रा-
स+ऊ- सू
श+ऊ- शू
ष+ऊ-षु
उदाहरण- तराजू, जादूगर, झूला, कूड़ादान, कबूतर
ऋ की मात्रा-
क+ऋ- कृ
ख+ऋ- ख्रु
ग+ऋ- गृ
उदाहरण- कृपाल, तृतीय, गृह, अमृत, वृष्टि
ए की मात्रा-
र+ए- रे
ल+ए- ले
व+ए- वे
उदाहरण- रेल, बेसन, विवेक, चमेली
ऐ की मात्रा-
ब+ऐ- बै
भ+ऐ- खै
म+ऐ- मै
उदाहरण – हैरान, बैद्यनाथ, पैदल, पैर, सैनिक
ओ की मात्रा-
क+ओ- को
ख+ओ- खो
ग+ओ- गो
उदाहरण – गोशाला, घोडा, सोना, बोतल, भोजन , मनोहर
अं की मात्रा-
क+अं – कं
ख+अं- खं
ग+अं – गं
उदाहरण – संतरा, जंगल, अंडा, सरपंच, गंगा
अः की मात्रा-
क+अः – कः
ख+अः – खः
ग+अः – गः
उदाहरण- अतः, प्रातः , नमः , क्रमशः
अंतिम शब्द
इस लेख में आपको Hindi ki matra ( हिंदी की मात्रा ) के बारे में बताया गया है। उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।