Hockey me kitne khiladi hote hai ( हॉकी में कितने खिलाड़ी होते हैं ) शाहरुख़ खान की “चक दे इंडिया” तो हर किसी ने देखा होगा। जिस मूवी के दौरान भैरतीय महिला हॉकी दल ने वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा था। मूवी में सबकी एक्टिंग मनो सच सा लग रहा था। खैर आज हम मूवी की नहीं रियल हॉकी खेल के बारे में जानने वाले है।
आज की हॉकी इंग्लैंड द्वारा 18वि शताब्दी तक सुरु हो गया था। पहले यह स्कूल तथा कॉलेज में खेला जा रहा था। यूरोपियन के आगमन के साथ साथ यह खेल भारत भी आ गया। कोलकाता में भारत का पहला हॉकी क्लब 1885 में बना था।
कैसे खेलते है हॉकी
यह बिलकुल फुटबाल के सामान ही खेला जाता है, बस इसके कुछ अपने कायदे कानून होते है। इसमें दो दलों के बीच टकराव चलता रहता है, कोशिश यह रहता है कि हॉकी के गेंद को दूसरे के गोल में डाले जिससे उन्हें पॉइंट मिल सके।
91।4 मीटर लंबी और 55 मीटर चौड़ी मैदान के दोनों तरफ दो गोल पोस्ट होते है। गोल कीपर को छोड़ कर बाकि सब खिलाडी के हाथ में हॉकी स्टिक होता है जिस से वे गेंद को हिट करके दूसरे की गोल पोस्ट के अंदर डालने की कोशिश करते रहते है।
यह खेल 15-15 मिनट का 4 क्वाटर्स में खेला जाता है, यनिके 60 मिनट का यह खेल होता है।
कितने खिलाडी से यह खेल होता है
इस खेल के लिए 11-11 खिलाडियों की जरुरत होती है। इसमें दोनों दल के 10 खिलाड़ी मैदान में होते है और एक गोल रक्षक के तौर पर गोल पर तैनात होता है। केवल गोल रक्षक ही गोल में आने वाली गेंद को अपने पैड या फिर ग्लव्स से रोक सकता है इसके अलावा किसी और खिलाडी अगर स्टिक के बजाय अपने शरीर के अंगों से गेंद को छूता या फिर रोकने की कोशिश करता है तो उसे पेनाल्टी लगती है।
इस खेल में 3 फॉरवर्ड्स, 2 इन, 3 मिडफील्डर/हाल्फ़बेक, 2 डिफेंडर/फुलबैक और एक गोली होता है।
फॉरवर्ड में से सेंटर फॉरवर्ड सबसे ज्यादा आक्रामक होता है। उसका कोशिश यह रहता है कि जितना ज्यादा हो सकते वो ओपोनेंट्स के गोल पे गेंद को डाले। 3 फॉरवर्ड्स ही हमेशा गेंद को लेकर आगे रहते है।
फुलबैक या डिफेंडर हमेशा गोल के आसपास होते है और गोल की तरफ अति हुई हर गेंद को गोल कीपर्स से पहले रोकने की कोशिश करना उनकी जिम्मेदारी होती है। पर स्ट्रेटेजी के अनुसार यह अपने जगह भी बदल सकते है।
मिडफील्डर या हाल्फ़बेक हमेशा से फुलबैक के साथ तालमेल बिठाकर ओपोनेंट्स के हर गोल की कोशिश को नाकाम करने के लिए काम करते है।
गोल कीपर लास्ट लाइन ऑफ़ डिफेन्स होता है, गोल के तरफ आ रहे सभी गेंदों को रोकना गोल कीपर की जिम्मेदारी होती है। शूटिंग एरिया के अंदर गोली कैसी भी करके गोल को रोक सकता है।
60 मिनट के खेल के बाद सबसे ज्यादा पॉइंट करने वाले दल को विजेता घोषित किया जाता है। अगर किसी कारण दोनों दल के पाएं सामान है तो खेल के प्रकार को नजर में रखते हुए एक्स्ट्रा टाइम या फिर शूट-आउट भी हो सकता है।
अंतिम शब्द
हमे आशा है की आपको Hockey me kitne khiladi hote hai ( हॉकी में कितने खिलाड़ी होते हैं ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।
यह भी पढ़े