Rich dad poor dad summary in hindi हम हमारे सामान्य जीवन में अपने काम के साथ या काम के लिए समय को सही ढंग से मैनेज नहीं कर पाते हैं। समय को मैनेज नहीं करने का परिणाम हमें भविष्य में देखने को मिलता हैं जिसमे जो परिणाम होते हैं वो हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं। यदि हम समय को मैनेज नहीं कर सकते तो बिना समय प्रबंधन के हमारा जीवन व्यर्थ सा रह जाता हैं।
हमारे इस लेख में आपको समय प्रबंधन के बारे में Rich dad poor dad बुक की समरी के आधार पर बताई जायेगी। अंत इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
Rich dad poor dad बुक के बारे में
बिज़नस और व्यवसाय की दुनिया में यह बुक सबसे जानी मानी बुक हैं। इस पुस्तक को रोबर्ट टी कियोसाकी दुवारा लिखी गई हैं। इस पुस्तक में पैसों को सही तरह से मैनेज करने के बारे में बताया गया हैं। इसके साथ ही इस पुस्तक में यह भी बताया गया हैं की इस गरीब और अमीर व्यक्तियों के बच्चों को पैसों को कैसे मैनेज करना चाहिए। इसके अलावा और भी पैसों के बारे में इस पुस्तक में बताते हैं।
हम ही नही दुनिया में हर कोई अमीर व्यक्ति बनना चाहता हैं। हर कोई चाहता हैं की उसके बाद बड़ी गाडी हो, फ्लैट हो, अच्छा बंगला हो और काफी सारा बैंक बैलेंस हो। उन में से कुछ लोगो के सपने पुरे नही हो पाते या शायद वे अमीर नहीं बन पाते हैं।
सब चाहते हैं की उनके पास ढेर सारा पैसा हो। परन्तु वे अमीर नहीं बन पाते हैं, इन सब का ही कारण रहता हैं की वे अपने पैसों को सही ढंग से पैसों को मैनेज नही कर पाते हैं। दुनिया में जितने भी अमीर लोग हैं उन सब लोगो को पैसों को सही ढंग से मैनेज करने का ज्ञान हैं इसलिए वे शायद इस दुनिया में सबसे अमीर हैं।
Rich Dad Poor Dad in hindi
हमे बचपन में यही सिखाया जाता हैं की हम अगर अच्छी से अच्छी पढाई कर लेंगे और हम अच्छे से अच्छे नंबर प्राप्त कर लेंगे तो हमारी नौकरी लग जायेगी जिससे हम अच्छा पैसा कमा सकते हैं। परन्तु हम ऐसे कई लोगो को देखते हैं जिन्होंने अच्छी पढाई की हैं और उनके पास अच्छी खासी नौकरी भी हैं परन्तु वे अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। उनके पास पैसा नहीं रहता हैं और वे रिटायरमेंट के बाद भी अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं। उनके पास अच्छा घर नही रहता हैं या उनके पास खुद की गाडी नही रहती हैं।
दूसरी तरफ ऐसा क्या होता हैं की कुछ लोग कम पढ़े लिखे होते हैं फिर भी उनके पास अच्छा घर होता हैं और अच्छी खासी गाड़ी भी होती हैं और खूब सारे पैसे भी होते हैं। वे लोग इधर – उधर भटकते रहते हैं फिर भी अमीर लोगो की संख्या में आते हैं। हम इन सब के मामलों में एक उदाहरण के साथ देखे तो हमारे देश के धीरू भाई अम्बानी जो की काफी कम पढ़े लिखे हैं परन्तु वे हमारे भारत के सबसे अमीर इंसान हैं।
इतना पढने के बाद अगर आप यह सोच रहे हैं की वे लोग पढाई से अमीर बनते हैं तो ऐसा बिलकुल नही है। यह सोच हमे अमीर इंसान नही बनाती हैं। अगर हमारे पास वित्तीय स्तिथि मजबूत हैं तो हम भी एक अमीर इंसान बन सकते हैं। इस पुस्तक में इसी के बारे में बताया गया हैं की आप समय का प्रबंधन कर के किस प्रकार अमीर इंसान बन सकते हैं।
Rich dad poor dad hindi summary
Rich dad poor dad बुक के लेखक रोबर्ट टी कियोसाकी की बात करे तो उनके दो पिता थे। एक पिता जो काफी अमीर थे और दुसरे पिता जो काफी गरीब थे। अब आप यह कहेंगे की दो पिता, तो आपको हम बता दे की यह बात सही हैं। जो उनके वात्विक पिता थे उनके पास काफी डिग्री थी, काफी पढ़े लिखे थे परन्तु वो गरीब थे।
वह अपने बेस्ट फ्रेंड के पिता को भी अपने पिता समान मानते थे, वे काफी अमीर थे और उनके पास ढेर सारा पैसा भी था। वे अपने व्यवसाय के क्षेत्र में काफी अमीर थे और काफी सक्षम थे। उनके व्यक्तिगत जीवन के आधार पर देखे उनके दोनों पुता भी एक दुसरे के काफी अच्छे दोस्त थे और दोनों ने पढाई भी एक साथ ही की,
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एक पिता जिन्होंने अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी और दुसरे पिता जिन्होंने अपनी पढाई आगे तक जारी रखी। दोनों ने मेहनत कर के अपने – अपने क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की परन्तु दोनों के बीच में पैसा कमाने की राय काफी अलग थी। हम आगे समझते हैं इन दोनों के बेच पैसा कमाने की राय को विस्तार से।
सकारात्मक सोच
हर कार्य और व्यवसाय में एक सकारात्मक सोच का होना जरुरी हैं। रोबर्ट जी के गरीब पिता उन्हें समझाते थे की हम ऐसी कोई चीज़ कोई चीज़ नही खरीद सकते हैं जिनकी उनमे काबिलियत नही हो, वही उनके अमीर पिता उन्हें समझाते थे की आप जो खरीदना चाहते हैं वो क्यों नही खरीद सकते हैं उस का कारण ढूँढने का प्रयास करो और प्रयास करो की आप वह चीज़ खरीद सकते हो।
दोनों पिता की सोच में सकारात्मकता का काफी अंतर था। गरीब पिता कोई भी चीज़ को कहकर उसे भूल जाते हैं की हम यह नहीं कर सकते और नहीं खरीद सकते वही यह सारे चीज़े अमीर पिता के लिए यह एक प्रश्नवाचक चिन्ह बन जाता था।
गरीब पिता की सोच नकारात्क थी वह रोबर्ट की कही गई बात को खत्म कर देते थे। वही इसके अलावा अमीर पिता की सोच सकारात्मक थी वह रोबर्ट दुवारा कही गई बात को सोचते हैं की इस चीज़ को कैसे ख़रीदा जाए।
इससे हम यह सीखते हैं की हमें हमेशा सकारात्मक सोच रहने से व्यक्ति सारे काम कर सकता हैं नही नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को इन सब चीज़ों को करने से सौ बार सोचता हैं।
जीवन में जोखिम लेना
रोबर्ट के गरीब पिता उन्हें हमेशा एक ही सलाह देते हैं की तुम्हे जीवन में अच्छी पढ़ाई करनी चाहिए और अच्छे मार्क्स लाने चाहिए ताकि तुम्हारे अच्छी नौकरी लग सके। यदि तुम्हारे जीवन में अमीर बनना लिखा होगा तो तुम अमीर बन जाओगे, नही तो नही।
वही रोबर्ट के अमीर पिता उन्हें हमेशा यही सलाह देते थे की अगर जीवन में कुछ बड़ा करना हैं तो आपको रिस्क लेना पड़ेगा। अगर आप पढाई करते हैं तो आपको पढाई के साथ – साथ पैसों के बारे में मैनेज करना भी आना चाहिए। पैसों को मैनेज करना भी एक स्किल हैं।
सम्पति और दायित्व में अंतर का ज्ञान
रोबर्ट टी कियोसाकी की इस पुस्तक की माने तो हमे सम्पति और दायित्व दोनों में अंतर समझना चाहिए। सम्पति हमारे धन में बढ़ोतरी करती हैं वही दायित्व इसी धन में कमी करती हैं। अगर आप अमीर बनना चाहते हैं तो आपको दायित्व के अलावा सम्पति पर ध्यान देना चाहिए जैसे की आपको घर और जमीन लेनी चाहिए, सोने चांदी के आभूषण बनवाने चाहिए।
अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर आप किसी काम को आगे बढाने के लिए लोन लेते हैं तो ऐसे आप अमीर नहीं बन सकते हैं और गरीब के गरीब ही रहते हैं।
एक चौथाई हिस्सा अपने पास रखे
रोबर्ट टी कियोसाकी का मानना हैं की अगर आप कोई काम करते हो तो उस काम से आने वाली कमाई का एक चौथाई हिस्सा अपने पास रखना चाहिए ताकि आपको उनसे आय होती रहे तो आपके आगे निवेश के अवसर भी बढ़ जाए।
गलतियों से सीख ले ?
Rich dad poor dad की इस पुस्तक की समरी पढ़े तो हमे यह समझ भी आता हैं की हमे अपनी गलतियों से सीखना चाहिए ताकि आप उन गलतियों को आगे नहीं दोहरा सके। व्यवसाय में एक बार की गई गलती को दोबारा नहीं करे नही तो ऐसे आप गलतियाँ ही करते रहेंगे।
पैसों के लिए काम करना
रोबर्ट के गरीब पिता का मानना हैं की हमने पैसों के पीछे कभी नही भागना चाहिए बल्कि हमे पैसों के लिए काम करना चाहिए। हमे काबिल बनना चाहिए। वही रोबर्ट के अमीर पिता का मानना हैं की हमे पैसे कमाने के नए – नए तरीकों के बारे में ढूंढना चाहिए और पैसे कमाने चाहिए।
मौके की पहचान करना
जीवन में सबको अमीर बनना होता हैं। सब लोग अच्छे मौके की तलाश रहती हैं। अच्छा मौका बोलकर नहीं आता हैं, हमे बस अच्छे मौके की तलाश के साथ उसकी पहचान करनी होती हैं। जिसने मौके की पहचान कर लो वो आगे बढ़ गया नही तो जहा हैं वही रह गया। यह बात कही हैं रोबर्ट जी ने जिन्होंने इस पुस्तक को लिखा हैं।
इसके लिए एक उदाहरण से समझते हैं। एक व्यक्ति के शहर की गली से गुजर रहा था उसने वहा घर पर एक बोट देखा House for sell वो व्यक्ति उस मौके को गवाना नही चाहता था उसके वो घर खरीद लिया क्योंकि उस समय मंदी का दौर चल रहा था। जब मंदी ख़त्म हुई तो उस घर की रेट दुगिनी हो गई थी। यह हैं मौका।
अंतिम शब्द
इस लेख में आपको Rich dad poor dad summary in hindi के बारे में बताया गया हैं। उम्मीद हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा।