न्यायपालिका किसे कहते है? ( Nyaypalika kise kahte hain ) भारतीय संविधान के तीन सबसे महत्वपूर्ण अंग है। संविधान के तीन सबसे महत्पूर्ण अंगों में न्यायपालिका एक महत्वपूर्ण अंग है। संविधान के इन तीन अंगों में से एक महत्वपूर्ण अंग न्यायपालिका के बारे में इस लेख में बता रहे है।
इस आर्टिकल में न्यायपालिका क्या है? के बारे में बताने जा रहे है। इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े ताकि इसके बारे में पूरी जानकारी आपको मिल सके।
न्यायपालिका किसे कहते है?
न्यायपालिका को हम एक सामान्य परिभाषा से समझे तो इसका मतलब होता है “संविधान का वो अंग जो देश में विधायिका द्वारा बनाये गये कानूनों का अगर कोई उलंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही ओर दंडात्मक कार्यवाही करना।” न्यायपालिका का मुख्य कार्य होता है कानून की रक्षा करना और अगर कोई कानून नही मानता है तो उसे सजा देना। विधायिका संविधान का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।
संविधान के चार स्तंभों में से यह तीसरा स्तम्भ है और सबसे महत्वपूर्ण है। देश में जितने भी कानून बने है या भविष्य में कानून बनते है की रक्षा करने की शक्ति न्यायपालिका के पास होती है। केंद्र की न्यायपालिका की शक्ति सर्वोच्च न्यायलय के पास होती है।
न्यायपालिका के मुख्य रूप से तो कोई अंग नही है परन्तु देश में सबसे उच्च और सर्वोच्च न्यायलय के रूप में सुप्रीम कोर्ट यानी सर्वोच्च न्यालय को माना जाता है। इसके बाद राज्य में हाई कोर्ट यानी उच्च न्यायलय और जिले में सेशन कोर्ट होते है।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको न्यायपालिका किसे कहते है? ( Nyaypalika kise kahte hain ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।