Char Ved kisne likhe ( चार वेद किसने लिखे ) नमस्कार दोस्तों, हम जब भी भारत के इतिहास के बारे में भारत के सांस्कृतिक इतिहास की बात करे तो हमे समझ में आता है की भारत प्राचीन समय में विश्व गुरु के नाम से जाना जाता था। आज भी भारत दुनिया को सीखता है और कई बड़ी – बड़ी महाशक्तियां हमारे बातों को ध्यान से सुनती है।
प्राचीन काल में भारत की धरती पर कई ग्रंथों की रचना की गई थी। इसमें महाभारत, रामायण कई मुख्य है। ऐसे ही वेदों की भी रचना हमारे देश की पवित्र धरती पर ही की गई थी। क्या आप जानते है की चार वेद किसने लिखे ? या वेदों की रचना किसने की ? नही ना! आईये जानते है इसके बारे में विस्तार से –
चार वेद किसने लिखे ?
हम जब भी बात करे वेदों की तो यह मुख्य वेड है है जैसे ऋग्वेद, युजुर्वेद, सामवेद, अथर्वदेव प्रमुख है। इनकी रचना प्राचीन काल में हमारे देश देश के महान ऋषियों ने की है। जब भी हम बात करते है इनकी रचना की तो हमे इस बात का समझ आता है की इसकी रचना किसी एक व्यक्ति ने नही की बल्कि कई अलग – अलग महान ऋषियों ने की है।
ऋग्वेद की रचनाकार के बारे में बात करे तो इनकी रचना कई अलग – अलग ऋषियों ने की है जिसमे उदा। अघमर्षण, प्रजापति परमेष्ठी, बृहस्पति, अनिल, दीर्घतमा, नारायण, हिरण्यगर्भ तथा विश्वकर्मा प्रमुख है।
युजुर्वेद के रचनाकार की बात करे तो इसकी रचना सवामी दयानन्द जी ने की थी ऐसा माना जाता है।
सामवेद के रचनाकार की बात करे तो इस वेद के रचनाकार के रूप में महर्षि कृष्ण व्यास द्वैपाजन जी को जाना जाता है।
अथर्ववेद के रचनाकार के बारे में बात करे तो इसकी रचना अंगीरा ऋषि ने की है ऐसा माना जाता है।
वेदों को अपौरुषेय कहा गया है अर्थात इन ग्रंथों की रचना किसी मनुष्य ने नही की है। ऐसा माना जाता है की वेदों की रचना किसी मनुष्य नही है क्योंकि वो हमेशा से ही अस्तित्व में रहते है। हालांकि हमने जो भी सुचना आपको इस लेख के माध्यम से दी है वो इन्टरनेट के स्त्रोतों के माध्यम से दी है।
अंतिम शब्द
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