Azad hind fauj ke sansthapak ( आजाद हिन्द फोज़ के संस्थापक ) ब्रिटिश सरकार के शासन काल में हो रहे जुल्म तथा अत्याचार से भारत माता को मुक्त करने के लिए कई सारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ साथ आम जनता ने भी अपने जान के क़ुरबानी देने से पीछे नहीं हटे। सालों तक चली इस संग्राम से आखिरकार जनता की जीत हुई और भारत माता को आज़ादी मिली।
ऐसे में आज़ाद हिंद फौज के बारे में आप ने जरूर सुना होगा, सुदूर जापान में बनी यह भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के समूह भारत माता की आज़ादी के लिए कई सारे जंग लड़े थे। आखिर इस आज़ाद हिंद फौज के संथापक कौन थे? किसने ऐसी फ़ौज को इकठ्ठा करके बनाया था और इसका मकसद क्या था? आइये जानते है आज के इस लेख में।
आज़ाद हिंद फौज क्या थी?
आज़ाद हिंद फौज अपने नाम के तरह ही हिंद यानि भारत के आज़ादी के लिए लड़ने वाली एक ससस्त्र सेना थी। गांधी जी के अहिंसा नीति के उलट यह करो या मरो नीति में विश्वास रखती थी, उसके परिणाम भी हमे अच्छी ही मिली।
देश भर के कोने कोने से तकरीबन 85000 सेनानिया इसमें हुड थे। इसकी स्थापना तथा परिचालन में की सारे दिग्गज हस्तियां इसमें शामिल थे। उनमें से सुभाष चंद्र बोस, मोहन सिंह, रास बिहारी बोस, निरंजन सिंह गिल आदि प्रमुख थे।
आज़ाद हिंद फौज की संस्थापना-
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान एक स्वतंत्र भारत के उद्देश्य से जापान के मदद से आज़ाद हिंद फौज की गठन होती है। इसकी गठन रासबिहारी बोस द्वारा 1943 में जापान के राजधानी टोक्यो में हुई थी।
मोहन सिंह के विचारधारा पर आधारित आज़ाद हिंद फौज में नेताजी बाद में जुड़े तथा इसकी परिचालन की भार को आपमें कंधे में लिया। आज भी हम इस फ़ौज के संथापक नेताजी को ही मानते है, क्यों के इतनी बड़ी फ़ौज के भार को संभालना तथा उसे आगे लेने में नेताजी का बहत बड़ा योगदान रहा है।
शुरुआत में इसमें सिर्फ 16000 के आसपास ही सैनिक थे, परंतु बाद में जापान द्वारा बंदी भारतीय भी इसमें शामिल होने लगे। जापान के मदद से लगभग 60000 बंदियों को इसमें शामिल कराया गया। जापान समेत इसमें बर्मा (आज का म्यांमार) और मालय (आज के मलेशिया) के कई सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हिस्सा लिया।
आज़ाद हिंद फौज के संथापक
आज भी हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आज़ाद हिंद फौज के संथापक मानते तथा किताबों में पढ़ते आये है। आज़ाद हिंद फौज जैसी फ़ौज की परिकल्पना पहले मोहन सिंह के मन में आया था। वे एक भारतीय सैन्य अधिकारी होने के साथ साथ द्वितीय विश्वयुद्ध में भारतीय सेना के प्रथम अधिनायक भी थे।
रासबिहारी बोस ही आज़ाद हिंद फौज के संथापक थे। वे इसकी गठन जापान के टोक्यो शहर में 1943 को जापान सरकार की मदद से किये थे। इन्होंने ही दिल्ली में रहते वक़्त वाइसराय लार्ड चार्ल्स हैडिंग के ऊपर बम फेंके थे। इसके साथ साथ देश में कई सारे आंदोलन ।के भी शामिल थे। भारत के बहार जाकर भी इन्होंने देश प्रेम का मोह नहीं छोड़ा और आज़ाद हिंद फौज की गठना किया ।
सुभाष चंद्र बोस 5 जुलाई 1943 को टोक्यो हॉल के पास आजाद हिन्द फ़ौज के सुप्रीम कमांडर के तौर पर भार ग्रहण किया था और उसी वक़्त ही दिल्ली चलो का नारा दिया था। फिर नेताजी ने फ़ौज की सर्वोच्च सेनाध्यक्ष के हैसियत से जापान में आजाद भारत की सरकार गठन किया। जिसके राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा सेनाध्यक्ष के पद पर नेताजी रहे ।
आशा है आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो। इसके साथ साथ आजाद हिन्द फ़ौज के संथापक तथा गठन के बारे में कई सारे रोचक तथ्य आपको जानने को मिला होगा। अपना राय हमे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Azad hind fauj ke sansthapak ( आजाद हिन्द फोज़ के संस्थापक ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।
यह भी पढ़े