अनंत चतुर्दशी का व्रत और इसका महत्त्व

Anant chaturdashi : नमस्कार दोस्तों, हमारे देश में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं. इन त्योहारों में कई ऐसे व्रत भी होते हैं जो महिलाएं रखती हैं. इसी व्रत और त्योहारों की कड़ी में एक त्यौहार ऐसा भी जो भगवान विष्णु की उपासना के लिए रखा जाता हैं. 

अनंत चतुर्दशी त्यौहार को हमारे देश में एक पर्व के रूप में भी मनाया जाता हैं. इस त्यौहार का हमारे हिन्दू धर्म में काफी ज्यादा महत्त्व हैं. इस लेख में आपको इस त्यौहार के बारे पूरी जानकारी जैसे अनंत चतुर्दशी कब मनाई जाती है ? अनंत चतुर्दशी का महत्त्व ? अनंत चतुर्दशी का महत्त्व क्या हैं ? इतियादी के बारे में बताया जाएगा. 

अनंत चतुर्दशी व्रत

हिन्दू पंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी का त्यौहार हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्दशी को मनाया जाता हैं. ऐसा माना जाता हैं की इस दिन भगवन विष्णु के अनंत रूपों की पूजा की जाती हैं. इस दिवस को लोग व्रत भी रखते हैं. मान्यता तो यह भी हैं की इस व्रत के बाद अनंत बाँधा जाता हैं. 

यह एक धागा होता हैं जो रेशम का या सूत का होता हैं. इस धागे को अनंत के रूप में बाँधा जाता हैं. इस धागे में 14 गांठे होती हैं जो इसे बाँधने के समय लगाई जाती हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान् विष्णु की पूजा की जाती हैं और उनका आशीर्वाद लिया जाता हैं. 

इस व्रत के समय बाँधा जाने वाला धागा महिला अपने दाए हाथ में और पुरुष अपने बाए हाथ में इस धागे को बांधते है. इसी दिवस पर गणेशजी की प्रतिमा को शुद्ध पानी में विसर्जित किया जाता हैं. 

अनंत चतुर्दशी कब हैं ? 

अनंत चतुर्दशी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्दशी को मनाई जायेगी. इस साल यह अनंत चतुर्दशी 19 सितम्बर 2022 को मनाई जायेगी. इस अनंत चतुर्दशी के उपलक्ष में लोग भगवान विष्णु की उपासना करते हैं और व्रत करते हैं. 

कहते हैं इस इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ एक धागा बाँधा जाता हैं जिसमे हर धागे में 14 गांठे लगती हैं. यह त्यौहार भी हमारे हिन्दू धर्म में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं. 

अनंत चतुर्दशी का महत्त्व

वैसे तो हर त्यौहार की भांति इस त्यौहार का महत्त्व भी काफी महत्वपूर्ण हैं. इस दिवस पर भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों की पूजा की जाती हैं और भगवान् विष्णु की आरधना की जाती हैं. इस दिवस पर जो धागा बाँधा जाता हैं उसमे 14 गांठे लगी होती हैं जो भगवान विष्णु के 14 लोको का प्रतीक होता हैं. 

ऐसा मान्यता हैं की भगवान् विष्णु ने 14 लोको की रचना की थी जिनमे सत्य, तप, जन, स्वर्ग, भुव, भू, अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल इतियादी शामिल हैं. इन सबके ही नाम पर धागे में 14 गांठे लगाई जाती हैं. ऐसा भी माना जाता हैं की भगवान विष्णु ने इन 14 लोको की रचना के लिए 14 अवतार भी लिए थे. 

अनंत चतुर्दशी कैसे मनाये ? 

अनंत चतुर्दशी के दिवस पर सामान्य तौर पर व्रत रखे जाते हैं. इस व्रत को रखने के बाद इसको एक विशेष पूजा और व्रत के नियम के साथ मनाते हैं. 

अनंत चतुर्दशी व्रत की विधि

अनंत चतुर्दशी मनाने के लिए कुछ इस प्रकार की विधि को फॉलो किया जा सकता हैं. इस विधि को आप भी देख और समझ सकते हैं. 

कई ऐसी मान्यताएं हैं की इस व्रत की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी. इसके बाद से ही व्रत को मनाया जाता हैं. जो भी महिला और पुरुष इस व्रत को रखते हैं उनको सुबह जल्दी उठ कर स्नान करना होता हैं और इसके बाद इस व्रत का संकल्प करना होता हैं. 

स्नान करने के बाद अपने पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करे क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं. इसके बाद पूजा के साथ भगवान विष्णु की प्रिय वस्तुओं को अर्पण करे जिसमे फूल, मिठाई इतियादी शामिल हैं. 

भगवान विष्णु को पिला कलर बेहद प्रिय हैं इसलिए जितना हो सके इस दिवस पर पीले रंग का प्रयोग ज्यादा करे. पूरी पूजा करने के बाद धागा धारण करना होता हैं. 

अनंत चतुर्दशी का मुहर्त

अनंत चतुर्दशी के लिए विशेष मुहर्त कुछ इस प्रकार हैं. अनंत चतुर्दशी का त्यौहार इस साल 19 सितम्बर को मनाया जाएगा. उसके लिए मुहर्त यह हो सकता हैं. 

19 सितम्बर को मनाया जाने वाले इस त्यौहार का मुहर्त 19 तारिक को सुबह 6 बजकर 7 मिनट से शुरू होगा जो की 20 सितम्बर को सुबह 5 बजे तक रहेगा. इस दिन के मुहर्त की यह अवधि कुल 23 घंटे और 22 मिनट की होगी.

गणेश विसर्जन इसी दिन होता है 

गणेश चतुर्थी के दिन रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी की स्थापना की जाती हैं. इसके बाद भक्त 10 दिन तक धूम धाम से गणेश जी की पूजा करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन यानी चौदस के दिन भगवान गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता हैं. 

अनंत चतुर्दशी के लिए मन्त्र

इस दिन इस मन्त्र का जाप जरुर करे. 

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।

अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।

अनंत चतुर्दशी के दिन बनाया जाने वाला प्रसाद

अनंत चतुर्दशी के दिवस पर इन रेसिपी को आप अपने घर पर बना सकते हो. यह कुछ निम्न हैं 

  • लड्डू
  • मोदक
  • श्रीखंड

इतियादी. इन सब के अलावा भी आप अपनी श्रृद्धा अनुसार बना सकते हैं और भगवान विष्णु को प्रसाद के रूप में अर्पित कर सकते है.

Disclaimer : इस लेख में बताई गई मुहर्त की जानकारी इन्टरनेट के माध्यम से गई हैं. आप अपने अनुसार ही इस दिन पूजा करे.

निष्कर्ष

भारतीय त्यौहार में अनंत चतुर्दशी का काफी महत्त्व हैं, हमारे इस लेख में आपको Anant chaturdashi के बारे में ही बताया गया हैं. उम्मीद करते हैं आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी. 

महत्वपूर्ण दिवस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *