Kumbhalgarh fort rajasthan ( कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान) : राजस्थान में देखने को बहुत कुछ हैं। इन सभी स्थानों में से कुछ स्थान तो अपने आप में अनोखे हैं और कुछ तो अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं।
राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्तिथ कुम्भलगढ़ दुर्ग अपनी ख़ूबसूरती के लिए काफी प्रशिद्ध हैं। इसके साथ ही कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान के एक महान शासक की जन्म स्थली भी हैं।
कुम्भलगढ़ दुर्ग पर पहुचने के लिए और कुम्भलगढ़ दुर्ग पर जाने के लिए आपको कौनसा रास्ता लेना चाहीये और आप यहा कैसे आ सकते हैं। यह जानकारी आपको इस लेख को अगले 3 मिनट तक पढने से पूरी जानकारी मिल जायेगी।
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कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान | Kumbhalgarh fort rajasthan
कुम्भलगढ़ दुर्ग के बारे में जानने से पहले इसके इतिहास के बारे में जान लेते हैं। कुम्भलगढ़ दुर्ग का निर्माण मेवाड़ के शासक राणा कुम्भा ने करवाया था। इस दुर्ग का निर्माण 1459 में पूरा हुआ था।
कुम्भलगढ़ दुर्ग राणा कुम्भा के उन 33 जिलो में शामिल हैं जिनका निर्माण महाराजा ने अपने शासन के दोहरान करवाता था। राणा कुम्भा के दुर्गो में शामिल इस दुर्ग को अजयगढ़ दुर्ग भी कहा जाता हैं।
कुम्भलगढ़ दुर्ग के बारे में इतिहासकार कहते हैं की इस दुर्ग की जितना हर किसी के बस का नही था। यही कारण हैं की इस दुर्ग को अजयगढ़ दुर्ग कहा जाता हैं। Kumbhalgarh fort rajasthan
कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान की भोगोलिक स्तिथि | Physical location of kumbhlgarh fort rajasthan
कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान के उन दुर्ग में शामिल हैं जो अपने इतिहास और अपनी शोर्यगाथा के लिए जाना जाता हैं।
दुर्ग का नाम | कुम्भलगढ़ दुर्ग |
स्तिथ | राजसमन्द जिला, राजस्थान |
निर्माण शासक | राणा कुम्भा |
समुंदतल से ऊंचाई | 3568 फीट |
उपनाम | मेवाड़ की आँख |
महाराणा प्रताप की जन्मस्थली | Birthplace of maharana pratap
मेवाड़ के महान शासक महाराणा प्रताप का जन्म भी इसी दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ़ दुर्ग में स्तिथ कटारगढ़ यानी बादल महल में हुआ था। कुम्भलगढ़ दुर्ग को मेवाड़ के महान शासको में से एक महाराणा प्रताप की जन्मस्थली भी कहा जाता हैं।
मेवाड़ में स्तिथ कुम्भलगढ़ दुर्ग मेवाड़ के संकट के समय में मेवाड़ की शरणस्थली रहा हैं। मेवाड़ राज्य पर कई हमले हुए थे उस समय शाही परिवार इसी दुर्ग में रहता था। Kumbhalgarh fort rajasthan
कुम्भलगढ़ में घुमने की जगह | Places to visit in kumbhalgarh
अगर आप पहली बार कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान ( Kumbhalgarh fort rajasthan ) आ रहे हैं तो आपको कुम्भलगढ़ में स्तिथ इन जगहों पर एक बार जरुर जाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं उन स्थानों के बारे में।
#1 कुम्भलगढ़ दुर्ग | Kumbhalgarh fort
दोस्तों अगर आप कुम्भलगढ़ आते हैं तो यहा स्तिथ इस कुम्भलगढ़ दुर्ग को जरुर देखे। कुम्भलगढ़ दुर्ग अपने आप में यह एक खूबसूरत स्थान है। कुम्भलगढ़ को मेवाड़ की आँख कहा जाता हैं। इस दुर्ग को देखने के लिए लोग देश और विदेश से आते हैं।
कुम्भलगढ़ दुर्ग राजसमन्द जिले में स्तिथ एक मुख्य केंद्र हैं जो पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में कोई कसर नही छोड़ता हैं। आप जब भी कुम्भलगढ़ जाए तो इस दुर्ग को जरुर देखे।
#2 कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण | Kumbhalgarh wildlife sanctuary
कुम्भलगढ़ गये और इस वन्यजीव अभ्यारण को नही देखा तो कुआ देखा! यह वन्यजीव अभ्यारण भी काफी खूबसूरत हैं और यहा पर देखने के लिए काफी कुछ हैं। राजसमन्द जिले के कुम्भलगढ़ में स्तिथ इस अभ्यारण को देखने के लिए पर्यटक देश – विदेश से आते हैं।
राजसमन्द जिले में स्तिथ यह अभयारण्य कई अत्यधिक लुप्तप्राय जानवरों जैसे दुर्लभ ग्रे जंगल मुर्गी, और सफेद स्तन वाले किंगफिशर, का घर है।
यह अभ्यारण लुप्तप्राय जानवरों के अलावा, यहाँ आप नीलगाय, सांभर, तेंदुआ और भेड़िये जैसे कई जीव देख सकते हैं। जो चीज रिजर्व को अलग बनाती है, वह यह है कि यहां भेड़ियों का प्रजनन सफलतापूर्वक किया जाता है। आप जब भी Kumbhalgarh fort rajasthan आये तो इस जगह को जरुर देखे।
#3 बादल महल
मेवाड़ राज्य के महान शासको में से एक महाराणा प्रताप का जन्म इसी बादल में स्तिथ जुनी कचेडी में हुआ था। कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान ( Kumbhalgarh fort rajasthan ) का एक यह भी काफी महत्वपूर्ण स्थान जहा पर आपको विजिट करना चाहिए।
बादल महल भी देखने के लिए काफी अच्छा हैं और यह भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान हैं। आप जब भी कुम्भलगढ़ घूमने आये तो इस बादल महल को जरुर देखे।
#4 मामादेव मंदिर | Mamadev temple
कुम्भलगढ़ गढ़ दुर्ग में काफी दर्शनीय स्थल भी हैं। इस सूची में कुम्भलगढ़ में स्तिथ मामादेव का मंदिर भी अपने आप में काफी सुन्दर और कुम्भलगढ़ दुर्ग में आकर्षण का एक केंद्र हैं। इस मंदिर का निर्माण 15वी शताब्दी में किया गया था और यह अपनी कलाकृति और अपनी डिजाईन के लिए काफी जाना जाता हैं। राजस्थान में स्तिथ इस दुर्ग में यह मंदिर अपने आप में काफी अलग हैं।
जब भी आप कुम्भलगढ़ आये तो दुर्ग में स्तिथ इस मंदिर को जरुर देखे। यहाँ आने के बाद आपके मन को सुकून मिलेगा और आप यहा अपने को हल्का होने वाला महसूस करेंगे।
#5 नीलकंठ महादेव मंदिर | Neelkanth mahadev mandir
नीलकंठ महादेव मंदिर कुम्भलगढ़ में घूमने के लिए सबसे दिलचस्प स्थानों में से एक है, जो काले रंग में एक ही कसोती पत्थर से बने छह फीट ऊंचे मोनोलिथ शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुम्भलगढ़ दुर्ग में स्तिथ इस मंदिर के विभिन्न कमरे आपको समय के खोने और मंद्मुख्ध होने को मजबूर कर देंगे।
जब ही आपका कुम्भलगढ़ आने का विचार हो तो इस जगह को एक बार जरुर देखे और इस मंदिर के दर्शन जरुर करे। यह मंदिर और आपको शांति की अनुभूति कराएगा।
#6 वेदी मंदिर | Vedi Temple
कुम्भलगढ़ दुर्ग के अंदर हनुमानपोल के पास स्तिथ इस मंदिर की भी अपनी अलग विशेषता हैं। वेदी मंदिर उन स्थानों में शामिल हैं जो कुम्भलगढ़ घूमने के लिए प्रशिद्ध हैं। आप जब भी इस दुर्ग में घूमने में आते हैं तो इस मंदिर के दर्शन करने जरुर आए।
इस मंदिर में आपको प्राचीन और मध्यकालीन समय की कला और संस्कृति की झलख देखने को मिलेगी। इस मंदिर का निर्माण राणा कुम्भा ने करवाया था। इस मंदिर में आने पर आपको काफी सुकून मिलता हैं।
कुम्भलगढ़ रिसोर्ट | Kumbhalgarh resort
आप अगर कुम्भलगढ़ आते हैं तो आप यहा कुम्भलगढ़ में कई resort में रूक सकते हैं। कुम्भलगढ़ में कई resort हैं जैसे महुआ बाघ कुम्भलगढ़ इतियादी। आप इन यहा रूक सकते है और कुम्भलगढ़ टूर का आनद ले सकते हैं।
कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान कैसे जाए | How to reach kumbhalgarh fort rajasthan
अगर आपने कुम्भलगढ़ आये का पक्का प्लान बना लिया हैं तो आप राजस्थान के स्थान पर घूमने के लिए कैसे पहुच सकते हैं, चलिए जानते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी।
कुम्भलगढ़ की मुख्य स्थानों से दूरी | Distance of Kumbhalgarh from major places
कुम्भलगढ़ आने के लिए आप पहले तो यह देख ले की आप कहा हैं वर्तमान में उसके बाद आप इन स्थान और आ सकते हैं।
स्थान जहा से आपको आना हैं | कुम्भलगढ़ तक की दूरी |
उदयपुर | 84 किलोमीटर |
पाली | 149 किलोमीटर |
जयपुर | 386 किलोमीटर |
जोधपुर | 173 किलोमीटर |
राजसमन्द | 47 किलोमीटर |
गोरम घाट | 86 किलोमीटर |
कुम्भलगढ़ तो उदयपुर | Kumbhalgarh to udaipur
अगर आप वर्तमान में उदयपुर में हैं तो उदयपुर से कुम्भलगढ़ की दूरी करीब 84 किलोमीटर हैं। यहा से आप आसानी से कुम्भलगढ़ पहुच सकते हैं।
कुम्भलगढ़ आने का सही समय | Best time to visit kumbhalgarh
अगर आप वास्तव में कुम्भलगढ़ आने के प्लान बना रहे हैं तो आप इस जगह बरसात के मौसम में आना उचित रहता हैं। बारिश और मानसून का मौसम कुम्भलगढ़ घूमने के लिए अच्छा समय हैं।
अंतिम शब्द
इस लेख में आपको राजस्थान के महत्वपूर्ण किलो में से एक किले के बारे में बताया गया हैं। उम्मीद करते हैं आपको Kumbhalgarh fort rajasthan ( कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान ) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। आप यह आर्टिकल अपने दोस्ती के साथ शेयर कर सकते हैं।