Republic day in hindi नमस्कार दोस्तों, 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों को सलामी देने के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को लहराते हुए भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी। अंग्रेजों के शासन काल से मुक्ति पाने के बाद 884 दिनों बाद हमारा देश एक स्वतंत्र राज्य बन सका। तब से लेकर हर साल समूचे राष्ट्र में स्वतंत्र दिवस गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने लगा है।
भारतीय गणतंत्रता दिवस कब मनाया जाता हैं ?
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस मनाया जाता हैं. इस इन देश के हर घर और ऑफिस में ख़ुशी का माहौल बन जाता हैं और लोग एक दुसरे को मिठाई बांटते हैं.
गणतंत्रता दिवस
तकरीबन दो दशक पुरानी इस यात्रा सन 1930 में एक सपने के रूप में संकल्पित हमारे देश भक्तों ने किया था वहीं भारत के शूरवीर क्रांतिकारियों ने सन 1950 में इसे एक गणतंत्र के रूप में साकार किया है तभी से भारत एक निरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में उभर कर आया है यह एक ऐतिहासिक घटना है जोकि क्रांतिकारियों के संघर्ष के कारण साकार हो सकी.
30 दिसंबर 1929 के मध्य रात्रि में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान राष्ट्र को स्वतंत्र करने की पहल की जाने लगी इस सत्र की अध्यक्षता की माने तो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
इस बैठक में उपस्थित सभी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सरकार के शासन को भारत से आजाद कराने और पूरी तरह से स्वतंत्रता को साकार करने के लिए 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में एक ऐतिहासिक पहल बनाने की शपथ दे डाली.
भारत के उन शूरवीरो अपने लक्ष्य पर खरे उतरने के लिए पूरा प्रयास किया और अंत में क्रांतिकारियों को सफलता मिले और हमारा देश पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया. इसके बाद भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक की गई जोकि इतिहास में 9 दिसंबर 1986 को दर्ज की गई है.
उसमें भारतीय नेताओं और अंग्रेज कैबिनेट मिशन ने हिस्सेदारी ली थी। भारत को एक संविधान देने के संदर्भ में कई चर्चाएं, सिफारिशें और वाद- विवाद भी हुए थे। उसके बाद संशोधन चढ़ने के बाद भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया गया जो कि 3 वर्ष बाद यानी कि 26 नवंबर 1939 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया।
इस अवसर पर डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली हालांकि भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था लेकिन स्वतंत्रता की भावना को वास्तविकता में 26 जनवरी 1950 को मानी गई है। इर्विन स्टेडियम में जाकर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया और तरह से गणतंत्र दिवस के रूप में भारतीय संविधान प्रभावी साबित होता गया
भारतीय गणतंत्र दिवस बनाए जाने की वजह
इस प्रकार से इसी साल यानी कि 1950 को भारत सरकार अधिनियम एक्ट 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ था यही वजह है कि 26 जनवरी को बनाए जाने वाले इस महत्वपूर्ण दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाने लगा। इसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में भी भारतीय मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस मनाने की पहल किसने की ?
देश के सबसे पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 की ऐतिहासिक तारीख 21 तोपों की सलामी के साथ झंडा फहराया और भारत को पूर्ण रूप से गणतंत्र घोषित किया था।
गणतंत्र दिवस के दिन होने वाली देश में गतिवधि
गणतंत्र दिवस वाले दिन शैक्षणिक संस्थान में तरह-तरह के देशभक्ति पर आधारित प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। नृत्य ,डिबेट के अलावा और भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
प्रधानमंत्री की गतिविधि गणतंत्र दिवस वाले दिन
भारत के प्रधानमंत्री गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम पर एक संदेश देशवासियों के बीच प्रसारित करते हैं।वहीं अगले दिन जो जवान लड़ाई में शहीद हुए थे ,उनकी याद में इंडिया गेट पर अमर ज्योति जाने का कार्यक्रम होता है।
इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है और राष्ट्रपति महोदय के जरिए राष्ट्रीय ध्वज को फाहराया और राष्ट्रगान गाया जाता है। महामहिम राष्ट्रपति के साथ एक उल्लेखनीय विदेशी राष्ट्र प्रमुख भी आते हैं। इन्हें आयोजन के मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है।
यह थी कुछ जानकारी Republic day in hindi के बारे में.