Mutual fund ke nuksan नमस्कार दोस्तों, क्या आप म्यूच्यूअल फण्ड में अपना पैसा निवेश करते हैं ? अगर हां तो आपको इस लेख को पढना चाहिए. इस लेख में आपको म्यूच्यूअल फण्ड के नुक्सान के बारे में बताया जाएगा.
Mutual fund ke nuksan
अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको इनके नुकसानों के बारे में जरुर सोचना चाहिए.
म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या है?
यदि आप म्यूच्यूअल फंड के नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप लगातार हमारे साथ बने रहिए हम आज आपको इस पेज में म्यूचुअल फंड के नुकसान के बारे में जानकारी प्रदान करने की कोशिश करेंगे आइए अब हम बात करते हैं कि म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या क्या है?
मैचुअल फंड में मुख्यतः तरलता की कमी होती है। यहां पर प्रथम बार किसी व्यक्ति को यह बहुत ही आकर्षक विकल्प लगता है लेकिन यहां पर जैसा देखा जाता है वैसा नहीं होता है। यहां पर नए नए व्यक्ति को अपनी और आकर्षित करने का बहुत ही अधिक प्रलोभन दिया जाता है।
उतार-चढ़ाव रिटर्न कि कमी
उतार-चढ़ाव में पहली बार निवेश करने वाले व्यक्तियों को बिना गारंटी के ही यह संभावना बनी रहती है कि उनका म्यूच्यूअल फंड कम हो जाएगा तथा इसके साथ ही उनका म्यूच्यूअल फंड बनाने वाले शेयर के साथ कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है।
फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन में निवेश करने वाले किसी भी निवेश करता को यह गारंटी नहीं देता है कि वह अपने द्वारा निवेश किए गए पैसों को वापस ले सकता है जिसका की निवेश करता को यह हमेशा डर बना रहता है कि कहीं उसका पैसा डूब ना जाए।
इसके साथ साथ ही निवेश करता के सभी पैसों का कोई बीमा भी नहीं होता है इसलिए उसके पैसों की जोखिम स्वयं निवेश करता पर होती है।
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नकद की कमी
म्यूचुअल फंड में हर रोज लगभग हजारों निवेश करता अपना पैसा जमा करते हैं इसके साथ साथ ही वह अपना पैसा वापस भी निकालते हैं लेकिन उनके पैसों की वापस निकासी की एक क्षमता सीमित होती है.
जिसके द्वारा ही वह पैसे निकाल सकते हैं और उनको बहुत बड़ी संख्या में अपने पैसे भी म्यूचुअल फंड में रखने होते हैं यही कमी है कि मैं चल फंड किसी भी निवेश करता को संपूर्ण पैसे वापस नहीं लौट आता है।
तरलता को लगातार बनाए रखने के लिए यानी कि पैसों को एक कस्टमर से दूसरे कस्टमर तक लगातार चालू रखने के लिए म्यूचुअल फंड बहुत बड़ी संख्या में किसी निवेश करता के पैसे को अपने पास रखता है।
ऊंची कीमतें होने के कारण
मैचुअल फंड में यदि कोई निवेश करता अपने पैसे लगाता है तो इसके लिए उसको बहुत ही अधिक धनराशि की आवश्यकता होती है। यदि उसके पास बहुत अधिक संख्या में धनराशि है तो ही वह मैचुअल फंड में निवेश कर सकता है।
यह कमी मुख्यतः म्यूच्यूअल फंड की होती है। म्यूचुअल फंड में यदि कोई निवेश करता अपने पैसे लगाता है तो उसको पेलंटी के तौर पर बहुत सारे पैसों का निवेश करना होता है जबकि पेलेंटी के तौर पर कटे पैसे वापस कभी भी कस्टमर के बैंक अकाउंट में नहीं आते हैं। कस्टमर को म्यूचुअल फंड में सिक्योरिटी के तौर पर हर वर्ष पैसे जमा कराने पड़ते हैं।
दूसरे शब्दों में बहुत अधिक विविधीकरण के कारण खराब प्रतिफल प्राप्त करना संभव है। क्योंकि कई अलग-अलग कंपनियों में म्यूचुअल फंड की छोटी होल्डिंग हो सकती है। कुछ निवेशों से उच्च रिटर्न अक्सर समग्र रिटर्न पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।
कमजोर पड़ना भी एक सफल फंड के बहुत अधिक बढ़ने का परिणाम है। जब मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड वाले फंडों में नया पैसा डाला जाता है तो प्रबंधक को अक्सर सभी नई पूंजी के अच्छे उपयोग के लिए उपयुक्त निवेश खोजने में परेशानी होती है।
तरलता की कमी
म्यूचुअल फंड में हमेशा ही तरलता की कमी रहती है जिसके कारण ग्राहक को इसमें बहुत ही कम रुचि रहती है। यदि कोई निवेश करता अपने पैसे निकालने की सोच है तो उसको एक समय अवधि के मुद्दे ही अपने पैसे निकालने का ऑप्शन मिलता है। म्यूचुअल फंड में हमेशा ही तरलता की कमी रहती है।
निष्कर्ष
हमारे द्वारा दी गई Mutual fund ke nuksan के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी यदि अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताइए। यदि आपको म्यूच्यूअल फंड से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी लेनी है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में निसंकोच कमेंट कर सकते हैं हम आपके सभी कमेंट का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे।
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