नवरात्रि का चौथा दिन : माँ की पूजा, कुष्मांडा की पूजा, पूजा की विधि, पूजा का शुभ मुहुर्त, पूजा कैसे करे। माँ को खुश कैसे करे |
Navratri ka pahla din : Maa ki pooja, Kushmanda ki pooja, pooja ki vidhi, pooja ka muhurt, pooja kaise kare
नवरात्रि का चौथा दिन : माँ की पूजा, कुष्मांडा घंटा की पूजा, पूजा की विधि, पूजा का शुभ मुहुर्त, पूजा कैसे करे। माँ को खुश कैसे करे –
9 दिवस की नवरात्रि में तीसरे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा होती है। यह माता का चौथा रूप है। नवरात्रि के इस चौथे दिवस में हम माँ कुष्मांडा की पूजा करते है। कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने से ना केवल रोग और शौक की वृद्धि होती है बल्कि इससे यश और धन की भी वृद्धि होती है। माता कुष्मांडा के प्रकट होने की कथा राजा सुबाहु से जुडी है।
माता कुष्मांडा की आठ भुजाएं है। माँ कुष्मांडा को अष्ट भुजा माँ के नाम भी जाना जाता है। माता के साथ हाथों में क्रमश “कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा” होते है वही आठवे हाथ में जपमाला होती है।
नवरात्रि के चौथे दिन रंग
नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है की कुष्मांडा को हरा रंग पसंदीदा है।
कुष्मांडा की पूजा हेतु भोग
नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है । ऐसी मान्यता है की माता को यह भोग लगाने से वो प्रसन्न होती है।
नवरात्रि के चौथे दिन पूजा का शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:37 ए एम से 05:25 ए एम।
- अभिजित मुहूर्त- 11:47 ए एम से 12:35 पी एम।
- विजय मुहूर्त-02:11 पी एम से 02:58 पी एम।
- गोधूलि मुहूर्त- 05:58 पी एम से 06:22 पी एम।
- अमृत काल- 08:39 पी एम से 10:13 पी एम।
- निशिता मुहूर्त-11:47 पी एम से 12:36 ए एम, 30 सितम्बर।
- सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:13 ए एम, सितम्बर 30 से 06:13 ए एम, 30 सितम्बर।
- रवि योग- 06:13 ए एम से 05:13 ए एम, 30 सितम्बर।
नवरात्रि के चौथे दिन माता की पूजा और आरती करने की विधि
सबसे पहले यह एक काम करे की आप स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
इसके बाद मां कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें।
इसके बाद मां कूष्मांडा को हलवे और दही का भोग लगाएं। आप फिर इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं।
मां का अधिक से अधिक ध्यान करें।
पूजा के अंत में मां की आरती करें।