Lohri festival in hindi ( लोहड़ी त्यौहार हिंदी में ) हमारा देश विविधता में एकता के लिए जाना जाता है. हमारे देश में हर त्यौहार बड़ी धूमधाम से और मिलजुल के मनाये जाते है. ऐसा ही एक त्यौहार लोहड़ी भी इसी त्यौहार में से एक है.
सिख धर्म से जुड़ा और विशेष रूप से पंजाबी लोगो द्वारा मनाया जाने वाले यह त्यौहार पंजाबी धर्म के लोगो का मुख्य त्यौहार है. इस त्यौहार को सर्दियों में उस समय मनाया जाता है जब नए वर्ष की शुरुआत होती है यानी जनवरी के महीने में.
कहते है की इस दिन साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लम्बी रात होती है. हस्ते, गाते और नृत्य करते इस त्यौहार को मनाया जाता है. उत्तर भारत के साथ ही पुरे विश्व में जहा पर भी पंजाबी बस्ते है, वह इस त्यौहार को मनाया जाता है.
लोहड़ी क्यों मनाई जाती है ?
कोई भी त्यौहार क्यों मनाया जाता है उन सब का एक विशेष कारण होता है. इस त्यौहार से जुडी यह कुछ सामान्य मान्यताएँ है –
- ऐसा माना जाता है की इस लोहड़ी शब्द की उत्त्पति लोई शब्द से हुई है. लोई का मतलब संत कबीर दास जी की पत्नी से है.
- इसके अलावा कुछ लोग यह भी मानते है की इस शब्द की उत्त्पति लोह से हुई है. लोह का अर्थ होता है जो की चपाती बनाने के लिए काम में लिए जाता है.
- इस त्यौहार के रूप में यह भी मान्यता है की इस त्यौहार में लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के नाम पर हुआ है.
- कई किसान नए वर्ष के रूप में इस त्यौहार को मनाते है.
हालांकि सब की अलग – अलग धार्मिक मान्यताएँ है परन्तु हम सिर्फ इतना कह सकती है की सब त्यौहार साथ मिलकर मनाये तो ही मजा है.
लोहड़ी कब मनाई जाती है ?
लोहड़ी का त्यौहार हर वर्ष जनवरी माह में आता है. मुख्य रूप से सिख धर्म में मान्यता वाला यह त्यौहार हर साल काफी धूम धाम से मनाया जाता है.
लोहड़ी कैसे मनाते है ?
हर त्यौहार की तरह इस त्यौहार को ही काफी धूमधाम से मनाते है. इस त्यौहार को मनाने की अपनी एक अलग मान्यता है. इस दिन, जिस दिन लोहड़ी का त्यौहार होता है उस सुबह से लोगो में एक ख़ुशी का माहौल और घर में उमंग का माहौल बना रहता है.
इस त्यौहार को कई लोग एक स्थान पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवारजनों के साथ मनाते है. लोहड़ी के दिन लोग एक दुसरे को मिठाई बाँट कर खुशिया मनाते है. इस त्यौहार को फसल की कटाई का त्यौहार भी माना जाता है. कहते है इस दिन तक सब किसान अपनी फसल को काट कर घर ले आते है.
वही इसी दिन जब लोहड़ी का दहन रात में किया जाता है तो लोग एक दुसरे को बधाई देते है और एक दुसरे को मिठाई बांटे है और खुशिया मनाते है. इस त्यौहार को कई अलग – अलग राज्यों में इसे अलग – अलग नाम से जाना जाता है जो की इस प्रकार है. लोहड़ी के अन्य नाम –
राज्य का नाम | लोहड़ी का अलग नाम |
आंध्रप्रदेश | भोगी |
असम | मेघ बिहू |
उत्तर प्रदेश | मकर संक्रांति |
बिहार | मकर संक्रांति |
कर्णाटक | मकर संक्रांति |
तमिलनाडु | पोंगल |
इसके अलावा इन सभी राज्यों के अलावा इसे सामान्यत लोहड़ी के नाम से ही जानते है. इन सभी अलग – अलग राज्यों में इस त्यौहार को मनाने की अलग – अलग प्रथा और मान्यता है. इस दिन रात में एक पूजा समारोह रखा जाता है और इस दिन रात में लकड़ी की लोहड़ी तैयार की जाती है और उसे जलाई जाती है.
लोग इस अग्नि के चारों और चक्कर लगाते है और अपने और परिवार और शुभचिंतकों की खुशाली की कामना करते है. वही इस दिन लोग अच्छा – अच्छा खाना और व्यंजन का आनंद लेते है. इसके बाद लोग ढोल और DJ पर डांस करते है और नाच का आनंद लेते है. इस त्यौहार का महत्त्व नवजोड़े के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पहले बच्चे के जन्म का होता है.
लोहड़ी के त्यौहार की परंपरा
इस त्यौहार से जुडी कुछ आधुनिक परंपरा भी है. इस दिन तिल की पापडी और गजक लोगो में बांटते है. वही इसके अलावा इस दिन चोकलेट इत्यादि बांटते है.
लोहड़ी मानाने का महत्त्व
इस त्यौहार को मनाने का अपना एक अलग ही महत्त्व है. यह त्यौहार का महत्वपूर्ण भाग इस प्रकार है –
ऐसा माना जाता है की सर्दी के समय जो भी फसल बोई जाती है उन फसलों की जब कटाई की जाती है उस समय इस त्यौहार को मनाया जाता है. फसल जब अक्टूबर में बोई जाती है तो इस फसल को मार्च के अंत में काटी जाते है. इस त्यौहार का समय जनवरी में होता है जब सूर्य पृथ्वी से दूर होता है. इस त्यौहार को सुख और समृधि का त्यौहार माना जाता है.
इस तरह से लोहड़ी मनाई जाती है.
आपने क्या सीखा ?
हमे आशा है की आपको Lohri festival in hindi ( लोहड़ी त्यौहार हिंदी में ) विषय के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको इस विषय के बारे में कोई Doubts है तो वो आप हमे नीचे कमेंट कर के बता सकते है। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।