Volleyball me kitne player hote h ( वॉलीबॉल में कितने खिलाड़ी होते हैं ) अमेरिका में विकसित यह खेल आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है। शारीरिक विकास के साथ फिट रहने के लिए यह एक अच्छा खेल है। प्रारंभिक समय में इसे जिम्नासियम में खेला जाता था। आज यह स्कूल, कॉलेज, गार्डन तथा समुद्री रेतों पर भी खेल जाता है। आजकल मनोरंजन हेतु बीचेस पर इन्हें ज्यादा खेला जाता है।
वॉलीबॉल मैच ज्यादातर इंडोर स्टेडियम में ही किये जाते है। इनमे दो दल भाग लेते है। दलों में केवल पुरुष, महिला या फिर दोनों मिलकर भी खेल सकते है।
वॉलीबॉल कैसे खेलते है
दो दलों की यह खेल आयताकार मैदान या फिर मैट के ऊपर होता है। इसमें दो दलों के बीच एक नेट दो खम्बो से बंधा हुआ मैदान को दो हिस्सों में बंटता है। हर दल की कोशिश यह रहती है कि वे गेंद को मारकर दूसरे दल के तरफ जमीन में गिराए।
यह खेल 60 से लेकर 90 मिनट तक चल सकता है। जिनमे 3 सेट खेले जाते है, पर फाइनल मैच में यह 5 सेट का होता है।
3 सेट वाले खेलो में पहले के 2 सेट 25 पॉइंट के लिए और तीसरा तथा आखरी सेट के लिए 25 पॉइंट का मैच होता है। वही 5 सेट वाले खेलो में पहले के 4 सेट के लिए 25 पॉइंट होते है और आखरी के सेट के लिए 25 पॉइंट होता है। इसी खेल में कमसे कम किसी एक दल का 2 पॉइंट बनाना अनिवार्य है।
कितने खिलाडी के होते है यह खेल
इस खेल में दो दलों में 6-6 खिलाडी होते है। 4 खिलाड़ियों के होने से भी यह खेल सुरु किया जा सकता है। यह खेल में पुरुष, महिला तथा दोनों मिलकर भी खेल सकते है जिन्हें मिक्स्ड जेंडर मैच भी कहा जाता है।
मिक्स्ड जेंडर मैच के लिए 4 पुरुष 2 महिला, 3 पुरुष 3 महिला या फिर 4 महिला और 2 पुरुष से यह खेल खेला जाता है।
इस खेल में हर तरफ दो लाइन होते है। नेट से 3 मीटर के दुरी पर अट्टाच लाइन जिस हिस्से को फिस्ट कोर्ट भी कहा जाता है और उसके बाद 6 मीटर पर एन्ड लाइन होता है उस हिस्से को बैक कोर्ट भी कहते है।
फर्स्ट कोर्ट पे 3 खिलाडी राईट साइड हीटर, मिडिल हीटर और सेटर/अपोजिट हीटर रहते है , बैक कोर्ट पर सेटर, मिडिल ब्लॉकर/लिबेरो, आउटसाइड हीटर होते है।
इस खेल में फर्स्ट कोर्ट के 3 प्लेयर ही नेट के पास जम्प, स्पाइक और ब्लॉक कर सकते है। बैक कोर्ट के खिलाड़ी यह सब नेट के पास करने से यह नियम के विरुद्ध मन जाता है। हर बार सर्विस के समय टीम के प्लेयर क्लॉक वाइज घूमते है। हर एक प्लेयर अपने दाएं और प्लेयर की पोजीशन ले लेता है।
सेटर– सेटर बॉल को स्पाइक तथा अटैक करने के लिये सही पोजीशन में लाता है जिससे के अटैक करने में आसानी हो। सेटर अपने टीम के साथ ताल मेल बिठाकर हर प्लेयर के पोजीशन को दिमाग में रखकर यह करता है।
आउटसाइड हीटर– आउटसाइड हीटर या लेफ्ट साइड हीटर ओफ्फेन्सिव स्ट्रेटेजी में लीड अटैकर होता है।
अपोजिट हीटर– फर्स्ट कोर्ट में होने के कारण इसे सबसे ज्यादा अटैक के मौके मिलते है।
मिडिल ब्लॉकर – ये अपने प्रतिद्वंदी के पैंतरे को समझकर बॉल को ब्लॉक करने की कोशिश करते है।
अंतिम शब्द
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