हिंदी में विशेषण की जानकारी उदाहरण सहित : प्रकार और परिभाषा

Visheshan in hindi

हिंदी में विशेषण ( Visheshan in hindi ) हिंदी में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते है। जैसे अगर इसके कुछ उदहारण देखे तो काला, बड़ा, दयालु, भारी टेडा-मेडा इत्यादि। इन सब में देखे तो काला किसी संज्ञा की विशेषता बताता है। 

हिंदी में विशेषण ( Visheshan in hindi )

संज्ञा की परिभाषा को अगर एक और अन्य तौर पर समझे तो यह कुछ इस प्रकार होती है “ऐसे शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम के गुण को बताते है परन्तु वो संज्ञा या सर्वनाम से जाने और पहचाने जाते है।” इसके कुछ उदारण हम आगे बता रहे है। 

विशेषण के कुछ उदाहरण

  • बुरे आदमी को हमेशा अपमानित होना पड़ता है। 
  • अच्छा व्यक्तित्व वाला आदमी हमेशा सम्मान पाता है। 

इन दोनों उदाहण को देखे तो इसमें बुरा और सम्मान दोनों व्यक्ति की विशेषता है वही इसमें आदमी विशेष्य है। इसके अलावा आदमी हमारी जिज्ञासाओं का भी सम्मान करता है जैसे आदमी कैसे है ? बुरा है या अच्छा है इतियादी। 

विशेषण केवल विशेषता ही नही बताता है बल्कि वह किसी स्थान पर या स्तिथि में संख्या या परिणाम भी बताता है। 

उदाहरण

  • क्रिकेट मैच में 5 लड़के खेल रहे है। ( यह संख्याबोधक विशेषण है )

ऐसे कई उदारण हो सकते है।  

विशेषण के प्रकार –

विशेषण की परिभाषा तो हम पढ़ चुके है और इसके बारे में विस्तृत रूप से जान चुके है। अब देखते है। 

गुणवाचक विशेषण-

इसकी परिभाषा : ऐसे शब्द जो किसी व्यक्ति और वास्तु के गुण और दोष के साथ स्तिथि, दोष, अवस्था, रंग, आकार, दशा, स्वाभाव, स्पर्श, दिशा, गंध या स्वाद इत्यादि का बोध कराता है गुणवाचक कहलाता है।

इसके कुछ उदाहरण है जैसे – 

  • गुणबोधक : अच्छा, भला, सुन्दर, श्रेष्ठ, शिष्ट,
  • दोषबोधक : बुरा, खराब, उदंड, जहरीला, ……………।
  • अवस्था बोधक : गीला, सूखा, जला, ……………।
  • दशाबोधक : अस्वस्थ, रोगी, भला, चंगा, ……………।
  • आकारबोधक : मोटा, छोटा, बड़ा, लंबा, ……………।
  • रंगबोधक : काला, गोरा, पीला, नीला, हरा, ……………।
  • कालबोधक : पुराना, प्राचीन, नवीन, क्षणिक, क्षणभंगुर, ……………।
  • स्थानबोधक : चीनी, मद्रासी, बिहारी, पंजाबी, ……………।
  • गंधबोधक : खुशबूदार, सुगंधित, ……………।
  • दिशाबोधक : पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी, ……………।
  • स्पर्शबोधक : कठोर, कोमल, मखमली, ……………।
  • स्वादबोधक : खट्टा, मीठा, कसैला, नमकीन ……………।

इसको इससे समझ सकते है। 

  • शालू के गेसू बलखाती नागिन जैसे है। ( इसमें शालू के बालू की विशेषता है ) 
  • मुझे ककड़ी बहुत पसंद है। ( इसमें ककड़ी की ख़ास विशेषता है जिसकी वजह से यह संज्ञा “मुझे” पसंद है ) 

यह भी पढ़े : स्वर हिंदी में

संख्यावाचक विशेषण-

ऐसे वाक्य जिसमे निश्चित या अनिश्चित संख्या का बोध कराया जाता है वो सब्ख्यावाचक की श्रेणी में आते है, जैसे –

  • सामने वाले मैदान में 11 बच्चे क्रिकेट खेल रहे है ( इसमें 11 एक संख्यावाचक विशेषण है ) 
  • हमारी कक्षा में 8 लड़कियां पढ़ती है ( 8 लड़कियां ) 

यह सभी संख्यावाचक विशेषण में आते है। 

परिमाणवाचक विशेषण-

हिंदी भाषा में लिखे जाने वाले ऐसे विशेष्यों की निश्चित अथवा अनिश्चित मात्रा ( परिमाण ) का बोध कराये, परिमाणवाचक  विशेषण कहलाते है। जैसे – 

  • मुझे थोडा पानी चाहिए, बच्चे प्यासे है। 
  • तुमसे काम नही हो रहा तो तू चुल्लूभर पानी में डूब मरो। 

सार्वनामिक विशेषण-

ऐसे वाक्य जिसमे संज्ञा के साथ सर्वनाम का प्रयोग हुआ हो, सार्वनामिक विशेषण कहलाते है। उदाहरण के तौर पर देखे तो यह कुछ निम्न है – 

  • कुछ काम हो तो बताना। 
  • राम की गाय दुधारू है। 
  • यहाँ पर बहुत सुकून है। 

अंतिम शब्द

इस लेख में आपको विशेषण हिंदी में विशेषण ( Visheshan in hindi ) के बारे में संक्षिप्त रूप में बताया है। हिंदी के इस विषय के बारे में यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरुर करे। 

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