Basant panchami kyo manai jati hai : हमारे देश में, हम लोग सभी त्यौहार काफी हसी ख़ुशी से और काफी धूमधाम से मानते है। साल के हर माह में कई त्यौहार आते है जो हमारी संकृति और परंपरा से जुड़े होते है। बसंत पंचमी को वसंत पंचमी भी कहा जाता है।
इसी कड़ी में, हम जानते है की हर माह जनवरी माह में बसंत पंचमी का त्यौहार भी आता है जो की लगभग जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में आता है। आईये जानती है बसंत पंचमी के बारे में की बसंत पंचमी क्यों मनाया जाता है ? और बसंत पंचमी कब और कहा मनाया जाता है ?
बसंत पंचमी
वसंती पंचमी का हिन्दू धर्म में काफी महत्त्व है। बसंत पंचमी यानी माँ सरस्वती का दिन। इस दिन पर माँ सरस्वती की पूजा होती है। इस दिन यानी बसंत पंचमी के दिवस पर महिलाएं एक विशेष प्रकार के वस्त्र पहनती है और पूजा करती है।
बसंत पंचमी कब मनाई जाती है ?
बसंत पंचमी का त्यौहार हर साल भारतीय महीने मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। इसी हिसाब से देखा जाए तो इस त्यौहार का समय और दिन इस तिथि के अनुसार बदलता रहता है। यह एक विशेष दिन है, जिसका भरतीय संस्कृति में काफी महत्त्व है।
बसंत पंचमी कहा मनाई जाती है ?
बसंत पंचमी का त्यौहार का सनातन धर्म में काफी ज्यादा महत्व है। बसंत पंचमी को भारत के हर कौने में काफी धूमधाम से मनाई जाती है। बसंत पंचमी को उत्तर भारत में काफी महत्त्व दिया जाता है।
भारत के अलावा इस त्यौहार को देश के बाहर भी काफी मनाया जाता है। बसंत पंचमी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका इत्यादि देशों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। भारत के अलावा जहा पर भी सनातन धर्म को मानने वाले लोग रहते है वहा पर यह त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
कैसे मानते है बसंत पंचमी?
बसंत पंचमी के दिन पर महिलाएं पीले वस्त्र पहनती है। यह विद्या के दिन है इसलिए इस दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है। माँ सरस्वती की पूजा भारत के साथ-साथ पूर्वी भारत में काफी उल्लास से की जाती है।
क्यों मानते है बसंत पंचमी?
ऐसा माना जाता है की जब फूलों की बहार आती है और जब खेतों में सरसों की फसल चमकने लगती है, जो गेहू की फसल की बालियाँ खिलने लगती है। आम के पेड़ों बौर आ जाते है। इसके साथ ही हर तरफ तितलियाँ उड़ने लगती है और ख़ुशी से झूमती है तब बसंत पंचमी का त्यौहार आता है और उसे ही ऋषि पंचमी का त्यौहार भी कहा जाता है।